कांकेर:पर्यावरण से प्रेम करने वाले पर्यावरण प्रेमी (environmental savvy) आपने बहुत से देखे होंगे. लेकिन आज ETV भारत एक ऐसे पर्यावरण प्रेमी से मिला रहा है जो पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ बेटी बचाओ का भी संदेश दे रहे हैं. ये पर्यावरण प्रेमी किसी के भी घर में बेटी का जन्म होने पर उन्हें पौधे भेंट करते है और पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं. इस पर्यावरण प्रेमी ने अब तक 30 हजार से ज्यादा पौधे भी लगाए हैं.
ग्रीन कमांडो के रूप में बनी पहचान
ग्रीन कमांडो (green commando), जी हां इस पर्यावरण प्रेमी को इसी नाम से जाना जाता है. बालोद जिले के दल्लीराजहरा के रहने वाले वीरेंद्र सिंह, कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में रहकर एक निजी कंपनी में काम करते हैं. वीरेंद्र सिंह का पर्यावरण के प्रति इतना प्रेम है कि, प्रकृति को बचाने के लिए ये खुद भी हरियाली का चोला ओढ़ लेते हैं. वीरेंद्र ने अपने लिए एक हरियाली ड्रेस बनवाया है. इसी ड्रेस को पहनकर वे पैदल ही पौधे लगाने निकल जाते हैं. पौधे लगाने के साथ ही वे लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक भी कर रहे हैं. अब तक ये ग्रीन कमांडो बालोद, कांकेर, बस्तर में 30 हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं.
पर्यावरण संरक्षण के साथ बेटी बचाओ का संदेश
वीरेंद्र हर रोज सुबह कई पौधे लेकर घर से निकलते हैं और उन्हें लोगों में बांटते हैं. फलदार और छायादार पौधों को घर-घर जाकर बांटते हैं और उसे अपने घरों और खेतों में लगाने को कहते हैं. इस ग्रीन कमांडो की बातों का असर भी गांव में देखने को मिला है. लोग इनसे पौधे लेकर ना सिर्फ उन्हें लगाते हैं बल्कि उसकी सुरक्षा भी करते हैं. जिसका असर ये हुआ है कि गांव में हरियाली बढ़ गई है. पेड़ लगाने और उन्हें बचाने के साथ ही वीरेंद्र बेटी बचाओ (Save our daughters) का भी संदेश लोगों को देते हैं.
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22 सालों से हरियाली के लिए कर रहे काम
वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि वे पिछले 22 सालों से पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) को लेकर काम कर रहे हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने घर से की थी. दल्लीराजहरा में उन्होंने 20 साल पहले ढाई सौ पौधे लगाए. जो अब बड़े हो चुके हैं और लोगों को फलों के साथ छाया भी दे रहे हैं. ना सिर्फ पेड़ लगाने बल्कि जन आंदोलन चलाकर 35 तालाबों की सफाई भी कर चुके हैं. इसके साथ ही पानी बचाने और बारिश के जल को संरक्षण (rain water conservation) करने की दिशा में भी इन्होंने कई कदम उठाए हैं. पर्यावरण बचाने की उनकी इस लगन के चलते ही केंद्र सरकार ने साल 2020 में उन्हें वाटर हीरो के सम्मान से भी नवाजा था.