कांकेर:छत्तीसगढ़ कांट्रैक्टर एसोसिएशन की बैठक में कई विषयों पर चर्चा की गई. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार ने जो नियम बनाए हैं, उससे ठेकेदारों को समस्या आ रही है. पांच गुना ज्यादा रॉयल्टी से उनका काम करना मुश्किल हो गया है. इसके निराकरण के लिए सरकार के समक्ष बात रखी जा रही है. बैठक में मांग की गई है कि गौण खनिज रॉयल्टी छत्तीसगढ़ शासन राजपत्र में प्रकाशित करें. प्रदेश सरकार के रॉयल्टी की दरों में कटौती ठेकेदारों को स्वीकार है, लेकिन बाजार दर पर अनुचित है. वर्तमान में पत्थर, रेत और मुरूम यदि बाजार दर से कटौती की जाएगी तो ठेकेदारों को निर्माणाधीन कामों का भुगतान घर बेचकर करना पड़ेगा.
इससे साफ होता है कि ठेकेदारों के माध्यम से भवन, रोड, ब्रिज, केनाल का निर्माण करना संभव नहीं है. लोक निर्माण विभाग ने निर्माण कार्यों की रखरखाव के लिए 5 साल की समय सीमा निर्धारित की है. जल संसाधन विभाग ने 10 साल के रखरखाव की समय सीमा बांध रखी है. ठेकेदारों का कहना है कि इसे संशोधित किया जाए. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और ईडी ने जो निर्माण कार्य कराए हैं, उनके रखरखाव के लिए विभाग भुगतान करता है. इस नियम को लागू किया जाए.