बस्तर:जगदलपुर में जापानी बुखार से एक बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ विभाग ने पूरे संभाग में हाई अर्लट जारी कर दिया है. जापानी बुखार के बारे में बताते हुए मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी इसे वेक्टर जनित रोग बताया है.
जापानी बुखार, ये है लक्षण और रोकथाम के उपाय इंसेफेलाइटिस के कारण
- इंसेफेलाइटिस संक्रमित क्यूलेक्स विष्णुई प्रजाति के मच्छर के काटने होता है.
- यह जेई वायरस के संक्रमण से फैलता है.
- जेई वायरस सुअर, बतख, मुर्गा-मुर्गी में पाया जाता है.
इंसेफेलाइटिस के लक्षण
- इंसेफेलाइटिस में तेज बुखार, सिर दर्द, शरीर में ऐठन, गर्दन में अकड़न, अचानक बेहोश होना, मरीज के व्यवहार में अचानक परिवर्तन इस बीमारी के लक्षण हैं.
- इंसेफेलाइटिस 1 से 15 साल तक के बच्चों को ज्यादा प्रबावित करता है.
इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए ऐसे बरतें सावधानी
- किसी बच्चे में इन लक्षण को दिखते ही उसे तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं.
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें.
- मच्छरदानी को समय-समय पर उपचारित कराते रहें.
- सुअर मुर्गा-मुर्गी और बतख को घर से दूर और घर को साफ रखें.
- बच्चे को दिन में दो या तीन बार नहाएं.
- तेज धूप में बच्चे को बाहर न निकलने दें.
- भरपेट खाना खिलाने के बाद ही बच्चों को सुलाएं.
- दिन में भी बच्चों को समय-समय पर खाना खिलाते रहें.
- समय से बच्चों का टीकाकरण कराते रहें.
- बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में आने से बचाएं.
- घर के आस-पास पानी न जमा होने दें.