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EXCLUSIVE: वाह रे सिस्टम! मजदूरों की जगह मशीनें कर रहीं तालाब की खुदाई

बस्तर जिले के माचकोट वन परिक्षेत्र के कुरंदी में प्रदेश सरकार की नरवा योजना के तहत वन विभाग तालाब निर्माण का काम करवा रहा है. लेकिन इस काम से मजदूरों को जुदा रखा गया है. जिससे उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

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Published : May 18, 2020, 2:10 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

Excavation of ponds in Bastar
मजदूरों की जगह मशीनों से काम

जगदलपुर: कोरोना संकट के दौरान मजदूर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. रोजी-रोटी के जुगाड़ में ये मजदूर अब काम की तलाश में भटक रहे हैं. इस बीच बस्तर संभाग में लॉकडाउन के बीच सरकार कई तरह के निर्माण कार्य संचालित करा रही है. विभाग कई निर्माण कार्यों को संचालित करवा रहा है. लेकिन अधिकतर निर्माण कार्यों में मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. लिहाजा इसका खामियाजा गरीब मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है.

बिना मजदूरों के तालाब की खुदाई

मजदूरों को बिना रोजगार के काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बस्तर जिले के माचकोट वन परिक्षेत्र के कुरंदी में नरवा योजना के तहत वन विभाग तालाब निर्माण का काम करवा रहा है. मनरेगा का जॉब कार्ड होने के बावजूद केवल कुरंदी गांव में ही 300 से ज्यादा ग्रामीण मजदूर बेरोजगार बैठे हैं. वे लगातार काम की मांग कर रहे हैं. लेकिन यह तालाब वन विभाग जेसीबी की मदद से खुदवा रहा है और मिट्टी ढोने का काम ट्रैक्टर कर रहा है.

तालाब की खुदाई करते ट्रैक्टर और जेसीबी

मजदूरों की आर्थिक स्थिति खराब

तालाब की खुदाई के इस काम से मजदूरों के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो सकता था. लेकिन अधिकारियों की असंवेदनशीलता के चलते अब ये मजदूर दो वक्त की रोटी नहीं जुगाड़ रहे हैं. मजदूर ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. शासन-प्रशासन भी कोई रोजगार भी मुहैया नहीं करा रहा है. इधर माचकोट वन परिक्षेत्र के रेंजर ललित चक्रवर्ती का कहना है कि मजदूर काम करने को तैयार ही नहीं है. नरवा योजना के तहत मजदूरों से काम करवाने की बाध्यता भी नहीं है.

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सरपंच को नहीं है जानकारी

कुरंदी गांव के सरपंच पति का कहना है कि रेंजर ने उन्हें तालाब खुदाई के बारे में जानकारी तक नहीं दी है. जबकि नियम के मुताबिक पंचायत के आसपास शासन का कोई भी विभाग यदि काम करवा रहा है तो उसकी जानकारी सरपंच और सचिव को दी जानी चाहिए. लेकिन वन विभाग ने तालाब खुदाई की जानकारी देना जरूरी नहीं समझा और जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से तालाब खुदाई का काम शुरू कर दिया.

मिट्टी डंप करता ट्रैक्टर

मजदूरों को प्राथमिकता

बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल का कहना है कि कई विभाग मशीन से काम करवा रहे हैं और वे इस मामले को संज्ञान में लेकर विभागों को पत्र लिख रहे हैं. मजदूरों को पहली प्राथमिकता के तौर पर काम दिया जाना चाहिए और यह प्रावधान भी है. इसके बावजूद उन्हें जानकारी मिली है कि कई विभाग के अधिकारी मशीनों से काम करवा रहे हैं. जिसके कारण बस्तर के कई ग्रामीण मजदूर घर पर खाली बैठे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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