गरियाबंद: जिला अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के विरोध में जनप्रतिनिधियों ने शहर बंद का ऐलान किया. इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष समेत कई जनप्रतिनिधि तिरंगा चौक पर धरना दिया. बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं से परेशान नगर के लोगों ने नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया. बस स्टैंड में पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों समेत नगर के कई नागरिक दिनभर धरना देते नजर आए.
नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि 'शुक्रवार को जब तीन अलग-अलग दुर्घटनाओं में घायल 35 लोग इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, इस दौरान अस्पताल में एकमात्र डॉक्टर हरीश चौहान ही मौजूद रहे. जब मरीजों को दूसरे अस्पताल जरूरत पड़ी तो, एंबुलेंस नहीं मिली. जब वो धरने पर बैठे और तब जाकर करीब एक घंटे की देरी के बाद मैनपुर की एंबुलेंस को लाकर खड़ा कर दिया गया. लेकिन वह एंबुलेंस भी 1 घंटे बाद गायब हो गई.'
अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने तक धरना प्रदर्शन
नगर पालिका अध्यक्ष का आरोप है कि 'जिला मुख्यालय में होने के बावजूद यहां के अस्पताल में कई जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. छोटे मोटे पेट दर्द जैसे तकलीफों में भी सीधे मरीज को रायपुर रेफर कर दिया जाता है. कुल मिलाकर रेफर सेंटर बन चुके इस अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने की बात पर नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन अड़े हुए हैं.'