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गरियाबंद: प्राकृतिक आपदा के बाद सुपेबेड़ा में अब माफिया खेल रहे 'जिंदा-मुर्दा' का खेल

सुपेबेड़ा गांव में दो जिंदा लोगों को मुर्दा बताकर उनके नाम पर जारी प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है.

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Published : May 9, 2019, 3:16 PM IST

हितग्राहियों की फोटो

गरियाबंद: प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे सुपेबेड़ा के ग्रामीणों को अब सरकारी सिस्टम ने भी परेशान करना शुरू कर दिया है. गांव के कई लोग जहरीला पानी पीने से मौत की मुंह में समा गए हैं. जिसका फायदा माफिया और भ्रष्टाचारी उठाने में लगे हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में भ्रष्टाचार

जिंदा इंसान को बताया मृत
गांव में दो जिंदा लोगों को मुर्दा बताकर उनके नाम पर जारी प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. आरोप है कि पंचायत सचिव ने गांव के दो जिंदा हितग्राहियों को मुर्दा बताकर उनके नाम से जारी आवास योजना की राशि अपने चेहतों को दे दिया है. मामला सामने आने के बाद आरोपी सचिव को निलंबित कर दिया गया है.

बिचौलिए उठा रहे फायदा
दरअसल, सुपेबेड़ा गांव में फ्लोराइड युक्त पानी पीने से हर साल कई लोगों की असमय मौत हो रही है. जिसका फायदा अब बिचौलिए उठने लगे हैं. सरकारी योजना के तहत मिलने वाली राशि और सुविधाओं में हेर-फेर कर बिचौलिए और जिम्मेदार अपने चहेतों को दे रहे हैं. इसके लिए जिम्मेदार जिंदा लोगों को भी मुर्दा बता देते हैं.

जिंदा है हितग्राही
ताजा मामले में भी यहीं हुआ है. गांव के पंचायत सचिव ने जिस जिंदा इंसान को मुर्दा बताकर उसकी आवास योजना की राशि दूसरे को दे दी. असल में वो जिंदा है, लेकिन उसे सरकारी रिकॉर्ड में मरा हुआ घोषित कर दिया गया है.

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