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क्या अस्पताल ही बन रहे कोरोना के सुपर स्प्रेडर ?

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Published : Apr 26, 2021, 11:16 AM IST

Updated : Apr 26, 2021, 11:56 AM IST

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है. कोरोना टेस्ट कराने पहुंच रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. अस्पतालों में ही कोविड 19 गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यह कोरोना विस्फोट का जरिया बन सकती हैं. ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या अस्पताल खुद कोरोना के सुपर स्प्रेडर बन गए हैं?

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क्या अस्पताल ही बन रहे कोरोना के सुपर स्प्रेडर ?

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है. संक्रमण के मामले में रायपुर के बाद दुर्ग प्रदेश का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है. लॉकडाउन लगने के बावजूद संक्रमण और मौत के आंकड़े थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. सर्दी-खांसी के अलावा फीवर से जूझ रहे मरीज अस्पतालों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं. जहां उन्हें कोरोना जांच कराना अनिवार्य है. ऐसे में बिना सोशल डिस्टेंसिंग की ये कतारें चौंकाने वाली हैं. जिसे देखकर यह सवाल जरूर उठता है कि कहीं अस्पताल ही तो कोरोना के सुपर स्प्रेडर नहीं बन रहे हैं, क्योंकि तीन हफ्ते के लॉकडाउन के बावजूद जिले में पॉजिटिव केस में गिरावट नहीं आई है. उसके बाद एक बार फिर से लॉकडाउन की मियाद बढ़ा दी गई है.

क्या अस्पताल ही बन रहे कोरोना के सुपर स्प्रेडर ?

लोगों की लापरवाही से फैल रहा संक्रमण

सामान्य सर्दी और फ्लू के साथ ही कोरोना के मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन सतर्क है, लेकिन अस्पतालों में मरीज कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. जिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. पीआर बाल किशोर ने बताया कि पब्लिक में ज्यादा अवेयरनेस नहीं है. अस्पताल में भीड़ बहुत रहती है. एक-दूसरे से सटकर लोग खड़े रहते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते और मास्क भी नहीं लगाते, जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ने का खतरा हो सकता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में इन्फेक्शन, प्रिवेंशन और कंट्रोल के हिसाब से काम किया जा रहा है. जिसमें जांच करने वाले डॉक्टर्स PPE किट का इस्तेमाल करते हैं, ग्लव्स और मास्क दोनों का इस्तेमाल करते हैं.

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कोरोना पेशेंट के साथ कर रहे सामान्य मरीजों का इलाज

डॉ. बाल किशोर ने बताया कि मरीजों के इलाज के लिए शासन की ओर से पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. शासन की तरफ से मद दिया गया है, जिसके माध्यम से संसाधनों की खरीदी की जा रही है. उसे कर्मचारियों को उपयोग के लिए दिया जा रहा है. इसके साथ ही यदि मरीजों के लिए दवाई की कमी होती है, तो उसकी भी आपूर्ति की जा रही है. अस्पतालों में कोरोना पेशेंट के साथ ही सामान्य मरीज भी पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से सामान्य और कोविड 19 पॉजिटिव मरीजों में ज्यादा फर्क नहीं कर पा रहे हैं. दोनों मिक्स हो जा रहे हैं, जिसकी वजह से अस्पताल में थोड़ा संक्रमण फैलने की संभावना दिखाई दे रही है. उन्होंने बताया कि लोग इस मामले में लगातार लापरवाही बरत रहे हैं.

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कोरोना जांच के लिए लंबी कतारें

दुर्ग जिला अस्पताल के साथ ही सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कोरोना जांच के लिए लंबी लाइनें लगती हैं. कई लोग तो सुबह के 6 बजे से शाम 4 बजे तक खड़े होने के लिए मजबूर हैं. रोजाना जिले में 6 हजार के करीब जांच हो रही है. सर्दी-खांसी के साथ ही अन्य किसी बीमारी के लिए भी कोविड 19 का टेस्ट अनिवार्य है. शायद यही वजह है कि लोगों की लंबी कतारें इन दिनों अस्पतालों में दिखाई देती है. दुर्ग जिला अस्पताल में टेस्ट करवाने पहुंचे चिन्नाराव ने बताया कि सुबह 6 बजे से आए हैं, दोपहर में लंच के बाद अब फिर से खड़े हैं. लक्षण तो नहीं है, लेकिन चेकअप कराना भी जरूरी है.

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सुपेला अस्पताल में व्यवस्था बेहतर नहीं

सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कोविड टेस्ट कराने वालों के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. भीड़ अधिक होने की वजह से लोगों की लंबी लाइन लग रही है. कोविड टेस्ट कराने पहुंचे संजीव चौहान ने बताया कि वे दोपहर करीब 12 बजे से आए हैं. इस बीच लंच हुआ, उसके बाद 3:30 बजे फिर से चेकअप सैम्पल लेना शुरू हुआ. वहीं व्यवस्था को लेकर उन्होंने बताया कि धूप अधिक होने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. लंबी लाइन लगने से पीछे वालों को धूप में खड़ा होना पड़ता है. धूप से बचने के लिए शेड की कोई व्यवस्था नहीं है.

घंटों लाइन में खड़े होने के बाद हुआ टेस्ट

दुर्ग जिला अस्पताल से कोविड टेस्ट कराकर लौट रहे प्रदीप बताते हैं कि उन्हें घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ा. उसके बाद किसी तरह उनका सैंपल लिया गया. उन्होंने बताया कि एंटीजन टेस्ट कराया था, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद RTPCR टेस्ट कराया है. इसकी रिपोर्ट कब आएगी, इसकी जानकारी नहीं है.

जगह की हो सकती है कमी

लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के प्रभारी पियान सिंह बताते हैं कि अस्पताल में लोगों के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है. निगम की ओर से टेंट, कूलर और बैठने की भी व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि जगह शायद कम हो जाती होगी, जिसकी वजह से लाइन में लगे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए बेहतर प्रयास करने की कोशिश करेंगे.

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जानें कोविड टेस्ट में कितना लगता है समय

  • एंटीजन टेस्ट - 20 से 25 मिनट
  • ट्रू नॉट टेस्ट - 8 से 10 घंटे
  • RTPCR - एम्स भेजा जाता है, जहां समय लगता है.

    इन जगहों पर हो रहा टेस्ट, हर सेंटर से औसतन 100 लोगों का हो रहा टेस्ट

    जिला अस्पताल दुर्ग और सिविल अस्पताल सुपेला

    धमधा ब्लॉक
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धमधा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अहिवारा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोरी
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुम्हारी
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दारगांव
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेन्द्रावन
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरमुंदा
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुरडुंग
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेड़ेसरा

    दुर्ग ग्रामीण
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निकुम
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उतई
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हनौदा
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जेवरा
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ननकट्ठी
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुरसुर
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मचांदुर
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगपुरा
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रसमड़ा

    पाटन क्षेत्र
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झीट
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बटरेल
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिलाई 03
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गाड़ाडीह
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरैना
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रानीतराई

    दुर्ग शहरी क्षेत्र
  • UPHC धमधानाका
  • UPHC पोटियाकला
  • UPHC बघेरा
  • UPHC चरोदा


    भिलाई क्षेत्र
  • UPHC छावनी
  • UPHC टंकी मरोदा
  • UPHC बैकुंठधाम
  • UPHC खुर्सीपार
  • UPHC कोसानगर


जिले में संक्रमण दर 20 फीसदी

दुर्ग जिले में संक्रमण दर में कमी आ रही है. एंटीजन टेस्ट के लिहाज से देखा जाए, तो जिले में 20 फीसदी संक्रमण है. एक समय यह 48 फीसदी था. रविवार को जिले में 1,355 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई, जबकि शनिवार को जिले में 1,786 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव थी. रविवार को 21 लोगों की जान गई, जबकि शनिवार को कोरोना से 23 लोगों की मौत हुई थी.

Last Updated : Apr 26, 2021, 11:56 AM IST

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