दुर्ग: कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच 3 नवजात शिशुओं का जीवन बचाकर बीएसपी अस्पताल के डॉक्टर्स ने कमाल कर दिया है. कोविड की आपदा से जुझ रही अस्पताल की टीम ने नवजात शिशुओं को पुर्नजीवन दिया है. माता-पिताओं को डॉक्टर्स आज फरिश्ते की तरह लग रहे हैं.
पैदा होते ही सांस लेने में हो रही थी दिक्कत
नवजात की मां दिव्या हरित प्रशंसा करते हुए कहती हैं कि 'मेरी बच्ची को पैदा होते ही सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उसे लगातार बुखार आ रहा था. ऐसे क्रीटिकल वक्त में बीएसपी के नियोनेटल यूनिट ने मेरी बच्ची का इलाज शुरू किया. वेंटीलेटर सपोर्ट के साथ ही अन्य चिकित्सकीय उपाय और दवाइयां शुरू की गई. सेक्टर-9 अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के उत्कृष्टता और समर्पण का नतीजा है कि आज 14 दिन बाद मेरी बच्ची जीवन की जंग जीतकर घर लौट गई है. मैं शिशु विभाग के सभी डॉक्टरों का दिल से शुक्रिया अदा करती हूं'.
सेक्टर 9 अस्पताल के डाक्टरों का आभार
ए दिपिका अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहती हैं कि 'मेरी बच्ची को पैदा होते ही कई जटिलताओं ने उसके जीवन को जोखिम में डाल दिया था. इन परेशानियों को शिशु विभाग के डॉक्टरों ने जिस प्रकार हैंडल किया, वह काबिल-ए-तारीफ है. 15 दिनों के इलाज के बाद आज मेरी बच्ची को एक नया जीवन मिला है. मैं सेक्टर-9 अस्पताल के शिशु विभाग की आजीवन आभारी रहूंगी'.
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