छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

कोविड के बीच सेक्टर-9 अस्पताल में 3 नवजातों को मिला नया जीवन

बीएसपी अस्पताल में तीन नवजातों को पैदा होते ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच डॉक्टर्स ने नवजातों का जीवन बचाकर कमाल कर दिया है.

3 newborns got new life in bhilai
अस्पताल में 3 नवजातों को मिला नया जीवन

By

Published : Apr 21, 2021, 10:22 PM IST

दुर्ग: कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच 3 नवजात शिशुओं का जीवन बचाकर बीएसपी अस्पताल के डॉक्टर्स ने कमाल कर दिया है. कोविड की आपदा से जुझ रही अस्पताल की टीम ने नवजात शिशुओं को पुर्नजीवन दिया है. माता-पिताओं को डॉक्टर्स आज फरिश्ते की तरह लग रहे हैं.

पैदा होते ही सांस लेने में हो रही थी दिक्कत

नवजात की मां दिव्या हरित प्रशंसा करते हुए कहती हैं कि 'मेरी बच्ची को पैदा होते ही सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उसे लगातार बुखार आ रहा था. ऐसे क्रीटिकल वक्त में बीएसपी के नियोनेटल यूनिट ने मेरी बच्ची का इलाज शुरू किया. वेंटीलेटर सपोर्ट के साथ ही अन्य चिकित्सकीय उपाय और दवाइयां शुरू की गई. सेक्टर-9 अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के उत्कृष्टता और समर्पण का नतीजा है कि आज 14 दिन बाद मेरी बच्ची जीवन की जंग जीतकर घर लौट गई है. मैं शिशु विभाग के सभी डॉक्टरों का दिल से शुक्रिया अदा करती हूं'.

सेक्टर 9 अस्पताल के डाक्टरों का आभार

ए दिपिका अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहती हैं कि 'मेरी बच्ची को पैदा होते ही कई जटिलताओं ने उसके जीवन को जोखिम में डाल दिया था. इन परेशानियों को शिशु विभाग के डॉक्टरों ने जिस प्रकार हैंडल किया, वह काबिल-ए-तारीफ है. 15 दिनों के इलाज के बाद आज मेरी बच्ची को एक नया जीवन मिला है. मैं सेक्टर-9 अस्पताल के शिशु विभाग की आजीवन आभारी रहूंगी'.

छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण दर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जताई चिंता

'डॉक्टरों के कमाल से बच्चा मेरी गोद में'

बेटे को गोद में लिए हुए श्रद्धा कहती हैं कि 'मेरे बेटे का पुर्नजनम हुआ है. ये डॉक्टर्स का कमाल था कि आज मेरा बच्चा, मेरी गोद में खेल रहा है. ये डॉक्टर मेरे जीवन में फरिश्ते बनकर आए. इस महामारी के बीच भी इन डॉक्टर्स ने इलाज के प्रति जो गंभीरता दिखाई है, उसकी जितनी भी प्रशंसा करूं वो कम है'

नवजात शिशुओं को पुर्नजीवन देने वाली टीम

नवजात शिशु को नवजीवन देने वाले डॉक्टरों की टीम में विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. संबिता पंडा, डॉ. सुबोध कुमार साहा, डॉ. संजीवनी पटेल, डॉ. नूतन वर्मा और डॉ. वृंदा सखारे शामिल है. इसके साथा ही अनुभवी नर्सिंग टीम और डीएनबी विद्यार्थी जिनके अथक प्रयासों से सेक्टर-9 अस्पताल का नवजात शिशु विभाग इस मुकाम को हासिल करने में कामयाब हुआ है.

छत्तीसगढ़ में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त में लगेगी कोरोना वैक्सीन

क्वालिटी ट्रीटमेंट का नतीजा

बीएसपी के नवजात शिशु विभाग ने चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देते हुए नवजात शिशुओं के जीवनरक्षा में अहम भूमिका निभाई है. उनके क्वालिटी ट्रीटमेंट का नतीजा है कि आज बीएसपी अस्पताल में शिशु मृत्युदर प्रति 1000 में केवल 7 है. जो कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 1000 बच्चों में 22 बच्चे से बेहद कम है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details