धमतरी: जल का अभिप्राय जीवन से है, जिसके बगैर इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इन दिनों धमतरी में पानी की किल्लत दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. जिले के मगरलोड इलाके के बिरझूली गांव के कमार बस्ती के रहने वाले रहवासी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.
नाले का पानी पीने को हैं मजबूर पेयजल नहीं मिलने पर वे गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले का पानी पीने को मजबूर हैं. हैरत की बात ये है कि समस्या सुनने उच्चाधिकारी गांव में पहुंचते तो हैं, लेकिन इनकी शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं, जिसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी नर्क जैसे हो गई है.
पानी के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण
ग्रामीण अंचलों के अधिकांश गांवों में पानी की शिकायतें आम हैं, जबकि शासन-प्रशासन हर साल स्वच्छ पानी के नाम पर लाखों रुपए का मसौदा तैयार करता है, बावजूद इसके ग्रामीण आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में शासन की योजनाएं महज कागजों में ही सिमटती नजर आ रही है.
नाले का पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण
मगरलोड ब्लॉक की ग्राम पंचायत बिरझूली सघन वनों के बीच बसा है. यहां की आबादी 150 से अधिक है. गांव में बारिश खत्म होने के साथ पेयजल संकट गहरा गया है.
वैसे गांव में सोलरपंप तो है, लेकिन आए दिन कुछ न कुछ समस्या के चलते बंद रहता है. हालात ये हैं कि ग्रामीणों को अब गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले का पानी पीना पड़ रहा है. इन परिवारों की मानें, तो हर साल गर्मी आती है, सोलर पंप खराब हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें दूर तक पानी के लिए जाना पड़ता है.
पीएचई महकमा हाथ पर हाथ धरे बैठा है
इतना ही नहीं ग्रामीण नाले का पानी पीकर कई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं. ऐसा नहीं है कि पीएचई महकमा मामले से अनजान है. हालात से वाकिफ होने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है.
कागजों में ही सिमट कर रह गए है दावे
प्रशासन मामले को संज्ञान में लेकर पेयजल की समस्या को दूर करने की बात कह रहा है. बहरहाल कमार परिवारों को कब तक पेयजल की समस्या से निजात मिल पाएगा. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.