धमतरी: छाती गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान आदिवासी महिला द्वारा जहर पीने और उसके बाद उसकी मौत होने के मामले में आदिवासी समाज ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आदिवासी समाज ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
आदिवासी महिला की मौत पर कार्रवाई की मांग आदिवासी समाज का कहना है कि, 'मृतक आदिवासी महिला बिटामिन बाई कंवर छाती गांव में झोपड़ीनुमा घर बनाकर परिवार सहित पिछले कुछ सालों से निवास कर रही थी. 8 जून को बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ अफसरों द्वारा उन्हें घर से घसीटते हुए जबरदस्ती बाहर निकालकर झोपड़ी को जेसीबी से तोड़ दिया गया'.
'अधिकारियों ने एक नहीं सुनी'
समाज का कहना है कि, 'बिटामिन बाई कंवर इन अफसरों के सामने हाथ जोड़कर विनती करती रही, लेकिन अफसरों ने उनकी एक नहीं सुनी. इन अधिकारियों के सामने बिटामिन बेहोश होकर गिर गई और जब तक कार्रवाई पूरी नहीं हुई तब तक उन्हें बेहोशी की हालात में छोड़ दिया गया'.
अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
आदिवासी समाज के मुताबिक, 'कार्रवाई पूरी होने पर बिटामिन बाई को पुलिस की गाड़ी से अस्पताल ले गए और उसे छोड़कर वापस आ गए'. आदिवासी समाज का आरोप है कि, 'बिटामिन बाई की मौत असंवेदनशील अधिकारियों के कारण हुई है, लिहाजा ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए'.
कार्रवाई का दिया भरोसा
इसके साथ ही समाज ने पीड़ित परिवार को 15 दिन के अंदर मकान बनाकर देने सहित 20 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने एसडीएम सहित तीन अफसरों की जांच टीम बनाई है, वहीं जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.
दरअसल, 8 जून को अतिक्रमण कार्रवाई से दुखी होकर एक आदिवासी महिला ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी. मृतिका ने अतिक्रमण का विरोध किया था, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी, जिसके बाद महिला ने आत्महत्या करने की कोशिश की, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.