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दंतेवाड़ा मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की जेब से मिला खून से सना खत, जानें पूरा मामला

बीते दिनों पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए नक्सली संतोष मरकाम की जेब से खून से सना खत मिला था. जो गोंडी भाषा में लिखा है. जिसका अनुवाद दंतेवाड़ा SP अभिषेक पल्लव ने कराया है. ट्रांसलेशन के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि पत्र में 10-10 हजार रुपये की वसूली का जिक्र है.

Blood stained letter found from pocket of Naxalite killed in Dantewada encounter
संतोष मरकाम की जेब से मिला खून से सना खत

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Published : Jul 10, 2021, 12:53 PM IST

दंतेवाड़ा: पोर्देम के जंगलों में मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की जेब से खून से सना एक खत मिला है. 27 जून को हुए एनकाउंटर में 5 लाख का इनामी नक्सली संतोष मरकाम मारा गया था. गोंडी में लिखे खत का अनुवाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने कराया है, जिसमें कई बातें निकल कर सामने आई हैं.

दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इस खत को लेकर कहा कि नीलावाया मुठभेड़ के मास्टरमाइंड संतोष मरकाम पर कई ग्रामीणों की हत्या के आरोप हैं. खत में उमेश नाम के किसी व्यक्ति का जिक्र है. उस पर 10-10 हजार रुपये वसूली करने की बात लिखी हुई है. साथ ही खत में उमेश के नहीं मानने पर जनअदालत लगाकर सजा देने की बात भी लिखी हुई है.

एनकाउंटर में हुआ था ढेर

दंतेवाड़ा जिले के पोर्देम के जंगलो 27 जून को डीआरजी और मलंगीर एरिया के नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस एनकाउंटर में 5 लाख के इनामी नक्सली संतोष मरकाम को जवानों ने मार गिराया था. घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्टल, पिट्ठू और अन्य नक्सल सामग्री बरामद की थी, पुलिस के मुताबिक अरनपुर थाने में संतोष के खिलाफ 25 से ज्यादा मामले दर्ज थे. इसके अलावा साल 2018 के विधानसभा चुनाव के समय भी वो कोई घटनाओं में शामिल था.

पुलिस का दावा है कि नीलावाया की घटना को नक्सली संतोष मरकाम ने अंजाम दिया था. जिसमें दूरदर्शन का एक कैमरा मैन शहीद हो गया था.

परिजनों ने लगाए थे आरोप

नीलावाया सरपंच सहित समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी और अन्य ग्रामीणों ने दंतेवाड़ा पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया था. मामले को लेकर परिजन और ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा था. ज्ञापन में संतोष मरकाम की हत्या किये जाने की बात लिखी गई थी.

आरोपों के कारण संतोष मरकाम का शव 8 दिनों तक दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में रखा रहा था. जिसे 9वें दिन परिजन और ग्रामीण लेने पहुंचे थे. इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने की बात भी कही थी.

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