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बिलासपुर: सिरगिट्टी में लगाया गया पशु स्वास्थ्य परीक्षण कैंप, अस्पताल का है अभाव

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Published : Jun 30, 2020, 9:42 PM IST

नगर निगम बिलासपुर के सिरगिट्टी क्षेत्र के 3 वार्डों में पशु स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान पशुओं का कांजी हाउस और घर में जाकर निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.

Organizing medical camp for animals
पशुओं के लिए चिकित्सा शिविर का आयोजन

बिलासपुर: नगर निगम के सिरगिट्टी क्षेत्र के वार्ड नंबर 10, 11 और 12 में मंगलवार को पशुओं के लिए चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें डाक्टर्स, वार्ड पार्षद और गौ सेवा सिरगिट्टी के संयुक्त तत्वावधान में सिरगिट्टी कांजी हॉउस में आयोजन किया गया.

पशुओं के लिए चिकित्सा शिविर का आयोजन

बता दें, नगर निगम से कुछ महीनों पहले जुड़े सिरगिट्टी क्षेत्र में जानवरों के इलाज के लिए अस्पताल नहीं होने के कारण पशुओं को इलाज से वंचित होना पड़ता है और गंभीर समस्या होने की स्थिति में उचित इलाज नहीं मिलने से उनकी मौत हो जाती है. इसीलिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहल पर शिविर लगाया गया.

काजी हाउस में किया स्वास्थ्य परीक्षण

सिरगिट्टी के बन्नाकचौक स्थित कांजी हाउस में पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. जिसमें शहर के शासकीय डॉक्टर्स ने पशुओं का टीकाकरण किया गया. साथ ही जो गाय-भैंस कांजी हाउस में थे, उनका वहीं इलाज किया गया.

बड़े पशुओं का घर जाकर किया गया इलाज

वहीं वार्ड के बाकी पशुओं को शिविर स्थान तक लाने में असुविधा हो रही थी. उसके लिए डॉक्टर्स ने उनके घर जा कर निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया. इसके लिए बड़े पशु जैसे गाय और भैस को शिविर तक न पहुंचा पाने के स्थिति में घर मे ही बांध कर रखने के लिए एक दिन पहले ही पशु मालिकों को सूचना दे दी गई थी.

वार्डवासियों का मिला सहयोग

इस कार्यक्रम में बिलासपुर जिले के डॉक्टर बी एल नामदेव, बी एल बघेल, जी आर यादव और वार्ड नंबर 10 पार्षद पुष्पेंद्र साहू, वार्ड 11 के पार्षद सूरज मरकाम सहित सभी वार्ड के लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा.

पशु चिकित्सालय की मांग

वार्ड नंबर 10 के पार्षद पुष्पेंद्र साहू का कहा कि सरकार से पशुओं की इलाज के लिए पशु चिकित्सालय की मांग की जाएगी, जिससे इनका इलाज हो सकेगा.

इंडस्ट्रियल एरिया होने की वजह से होते हैं हादसे

बता दें कि, सिरगिट्टी इलाके में कई फैक्टरियां होने की वजह से बड़ी गाड़ियों की आवाजाही यहां लगी रहती है, जिसके कारण पशु इसकी चपेट में आ जाते हैं और इलाज के अभाव में उनकी मौत हो जाती है.

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