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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 13, 2023, 9:18 PM IST

Updated : Oct 13, 2023, 10:57 PM IST

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Chhattisgarh Election 2023: कोटा विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए क्यों बनी चुनौती ?

Chhattisgarh Election 2023: कांग्रेस का अभेद किला रहा कोटा विधानसभा सीट अब कांग्रेस के लिए ही चुनौती बनता जा रहा है. साल 2018 में कांग्रेस के इस अभेद किले को जोगी कांग्रेस ने भेद दिया था. उसके बाद से कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों की निगाहें इस सीट पर तनी हुई है.

Chhattisgarh Election 2023
छत्तीसगढ़ चुनाव 2023

कोटा विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए बनी चुनौती

बिलासपुर:बिलासपुर जिले का कोटा विधानसभा सीट शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है. यहां आजादी के बाद से अब तक बीजेपी ने जीत हासिल नहीं की है. लगातार कांग्रेस को ही इस सीट पर जीत मिलती रही है. हालांकि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कोटा विधानसभा सीट ने इतिहास बदल दिया. यहां पहली बार गैर कांग्रेसी पार्टी ने जीत दर्ज की. जोगी कांग्रेस ने इस सीट से साल 2018 में जीत हासिल की थी. ये सीट जीतना इस बार कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि 3 बार इस सीट से रेणु जोगी जीत हासिल करती आ रही हैं.

जोगी कांग्रेस पार्टी के टिकट से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने कोटा विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की. रेणु जोगी खुद पहले कांग्रेस की टिकट से इसी विधानसभा सीट से दो बार जीत दर्ज कर चुकी थी. कोटा विधानसभा सीट में शुरुआत से ही कांग्रेस विधायक चुने गए. इस सीट के सियासी गुणागणित के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट से बातचीत की. आइए उनसे जानते हैं कोटा विधानसभा सीट के इतिहास के बारे में.

शुरू से रहा है कांग्रेस का दबदबा:कोटा विधानसभा सीट के राजनैतिक इतिहास के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट राजेश दुआ से बातचीत की. उन्होंने कहा कि,"कोटा में अब तक भाजपा ने अपना खाता नहीं खोला है. इस सीट का चुनावी क्षेत्र शहरीय इलाकों के साथ ही ग्रामीण और सबसे खास बात यह है कि जंगल इलाकों में फैला हुआ है. इन इलाकों में भाजपा के प्रत्याशी के मुकाबले कांग्रेस के प्रत्याशी अपनी पैठ आसानी से बना लेते हैं. कोटा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इसके दुर्गम इलाकों में अब भी ऐसे जगह है, जहां पहुंचना बहुत मुश्किल होता है. इसका फायदा कांग्रेस को मिलता है. आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने इस सीट को खुद के लिए सुरक्षित बनाने के लिए कई काम किए हैं. यहां से कांग्रेस के ज्यादातर विधायक ब्राम्हण समाज से रहे है. आज भी इस समाज के लोगों के सामने कोटा के लोग विरोध नहीं करते. इसके कई कारण हैं."

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जानिए कोटा विधानसभा सीट का इतिहास:कोटा विधानसभा सीट का चुनावी सफर काफी दिलचस्प रहा है. इस सीट पर आजादी से लेकर साल 2018 तक कांग्रेस के विधायक जीत हासिल करते आए हैं. हालांकि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट ने इतिहास ही बदल दिया. यहां से जोगी कांग्रेस ने जीत हासिल की. यहां पहले कांग्रेस के टिकट से दो बार जीत हासिल करने वाली रेणु जोगी ने जीत हासिल की. 2018 में रेणु जोगी ने जोगी कांग्रेस की टिकट से इस सीट पर जीत हासिल की. रेणु जोगी छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी की पत्नी हैं.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बनी कोटा सीट:इस सीट पर 1952 से लेकर अब तक 14 बार चुनाव हुए हैं. काशीराम तिवारी इस सीट से पहले विधायक बने थे. उनके बाद मथुरा प्रसाद दुबे 4 बार विधायक बने. फिर राजेंद्र शुक्ल 5 बार विधायक चुने गए. इसके अलावा साल 2006 में रेणु जोगी, उपचुनाव से पहली बार पहली महिला विधायक के तौर पर चुनी गई. इस सीट से वो तीन बार विधायक बनीं. दो बार कांग्रेस की टिकट से तो एक बार जोगी कांग्रेस पार्टी से जीतकर उन्होंने इतिहास बदल दिया. यही कारण है कि ये सीट इस बार बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के लिए भी चुनौती से कम नहीं है.

Last Updated : Oct 13, 2023, 10:57 PM IST

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