छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगी छत्तीसगढ़ के स्पीड ब्रेकर्स से जुड़ी जानकारी

हाईकोर्ट ने स्पीड ब्रेकर्स मामले की सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई में याचिकाकर्ता से नगर पालिकाओं की सड़कों में स्पीड ब्रेकर कहां-कहां से हटाई गई हैं. इसकी जानकारी को लेकर शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.

फाइल
फाइल

By

Published : Jan 27, 2020, 7:29 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 8:17 PM IST

बिलासपुर: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने प्रदेशभर की सड़कों में स्पीड ब्रेकर के कारण हो रही दुर्घटना को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से स्पीड ब्रेकर्स से जुड़ी जानकारी मांगी हैं.

क्या है याचिका में

  • बिलासपुर के सरकंडा के रहने वाले डीडी आहूजा ने जनहित याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने बताया है किस तरह प्रदेश के लगभग सभी सड़कों पर अनाधिकृत और मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं.
  • याचिका में स्पीड ब्रेकर्स के कारण प्रतिदिन हो रहे सड़क हादसे में होने वाली मौतों का जिक्र किया गया है.
  • स्पीड ब्रेकर्स को IRC (इंडियन रोड कांग्रेस) के गाइडलाइन के विरुद्ध बनाए जाने की शिकायत भी की गई है.

कोर्ट नेमांगी जानकारी

  • हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में याचिकाकर्ता से नगर पालिकाओं की सड़कों में स्पीड ब्रेकर कहां-कहां से हटाई गई है. इसकी जानकारी को लेकर शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.
  • याचिकाकर्ता को हर जिले में सड़क सुरक्षा समिति होने या नहीं होने की जानकारी देने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी.

मामले में अब तक
मामले की पिछली सुनवाई के दौरान शासन ने प्रदेश की सभी सड़कों के स्पीड ब्रेकर हटाए जाने की जानकारी हाईकोर्ट को दी थी. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता डीडी अहूजा और उनके अधिवक्ता को प्रदेश की सभी सड़कों का निरीक्षण कर शपथ पत्र में बताने को कहा था कि शासन का जवाब कितना सही. क्या सभी स्पीड ब्रेकर हटाए गए हैं या नहीं .

24 अक्टूबर और 21 नवंबर की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जवाब में बताया कि प्रदेश के कई नगर पालिकाओं ने अब तक सभी स्पीड ब्रेकर नहीं हटाए गए हैं. इस पर युगलपीठ ने सभी नगर पालिकाओं को पार्टी बनाने के निर्देश देते हुए शासन को जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा था. इस पर शासन ने 9 जनवरी को जवाब पेश कर बताया था कि नगरीय निकाय चुनाव होने के कारण नगर पंचायत और अन्य जगहों के स्पीड ब्रेकर्स को पूरी तरह से नहीं हटाया जा सका है. जवाब प्रस्तुत करने के लिए शासन को 2 हफ्ते की मोहलत देते हुए स्पीड ब्रेकर्स को बनाने की अनुमति देने वाले अधिकारियों का विवरण शपथ पत्र में देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को तय की गई थी.

Last Updated : Jan 27, 2020, 8:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details