बिलासपुर: उच्च न्यायालय के जस्टिस प्रशांत मिश्रा और गौतम भादुड़ी की डिविजन बेंच ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही जेलों में बंद कैदियों और विचाराधीन बंदियों के पैरोल और जमानत की अवधि को बढ़ा दिया है.
सरकार ने किया था आग्रह
राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि कोरोना के मद्देनजर कैदियों को दी गई जमानत और पैरोल की अवधि समाप्त होने को है. ऐसे में अगर इन कैदियों को जेल में वापस भेजा गया और इनमें से कोई भी कोरोना वायरस के लक्षणों के साथ जेल में पहुंचा तो बड़ी समस्या पैदा हो सकती है.
सरकार की दलीलों के आधार पर हाईकोर्ट ने कैदियों और विचाराधीन बंदियों के पैरोल और जमानत की अवधि को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है.