बेमेतरा:जिले में 68 लाख रुपए की लागत से बनाई गई हाईटेक नर्सरी बदहाली की आंसू बहा रही है. नर्सरी पूरी तरीके से बंजर में तब्दील हो चुकी है. यह नर्सरी पडकीडीह और धनगांव के बीचो-बीच 10 एकड़ में फैली है, जो सरकारी फंड के अभाव में बर्बाद हो गई है. नर्सरी से आज तक न वन विभाग को फायदा हुआ और न ही इलाके के लोगों को कोई रोजगार मिला है, जिससे ग्रामीणों में भी खासी नाराजगी है.
दरअसल, वन विभाग ने 2013 में राज्य कैम्पा योजना के तहत धनगांव में 10 एकड़ के प्लाट में हाईटेक नर्सरी बनाई थी, जिससे लोगों को नर्सरी से लाभ हो, लेकिन नर्सरी बंजर में तब्दील हो चुकी है. नर्सरी में किस्म-किस्म के पेड़ पौधे रोपने थे, लेकिन सरकारी फंड नहीं मिलने के कारण नर्सरी में न पौधे लगाए गए और न ही देखभाल की गई. आलम यह है कि नर्सरी का दरवाजा तक रस्सी से बंधी हुआ है, जहां कोई भी कभी आ सकता है. नर्सरी में चौकीदार तक नहीं है, जिससे ग्रीन हाउस शेड भी सूना पड़ा है.
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नर्सरी से ग्रामीणों को नहीं हुआ फायदा
ग्रामीणों का कहना है हाईटेक नर्सरी से आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ, न ही ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिल पाए हैं. नर्सरी में गांव के जो मजदूर काम करने आते थे, उन्हें वर्षों से मजदूरी नहीं मिली है, जिससे वह परेशान होकर काम छोड़ दिए हैं. वहीं बालोद जिले से आने वाले मजदूर पलायन कर गए हैं, जो मेहनताना नहीं मिलने से काम पर नहीं आ रहे हैं. वहीं वन विभाग के अधिकारी भी नर्सरी को तैयार करने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.