वन विभाग ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी जिसके बाद बिलाईगढ़ एसडीएम, तहसीलदार और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी बातों पर अड़े रहे. ग्रामीणों का कहना है कि ये दिवानपुर की जमीन है जो कि उनके पूर्वज की है. उनका कहना है कि उन्होंने इसके लिए एसडीएम कलेक्टर को भी आवेदन दिया है. एक तरफ जहां ग्रामीण जगह खाली नही करने के जिद पर अड़े है वहीं दूसरी ओर वन विभाग इसे अपनी जमीन बताते हुए खाली कराने की कोशिशों में लगी हुई है.
बलौदाबाजार: वन भूमि पर बसे ग्रामीणों को हटाने पहुंचे अधिकारियों को फिर लौटना पड़ा खाली हाथ
वन विभाग की आरक्षित भूमि हुर्रा डोंगरी में अर्जुनी गांव के तकरीबन 25 परिवार जबरदस्ती कब्जा कर बसने लगे हैं.
वन विभाग की भूमि
एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि अगर ग्रामीणों के पास इस जमीन का कोई भी जायज सबूत हो तो दिखाए, लेकिन ग्रामीणों के जिद के सामने अधिकारियों की एक न चली और उन्हें वापस आना पड़ा. वहीं ग्रामीणों का अब ये कहना है कि भले ही जमीन कोई भी हो और किसी की भी हो पर हमें यहां रहने दिया जाय. हमारे पास रहने की जगह नहीं है.