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शासकीय तालाब को कृषि भूमि बताकर दबंगों ने बेचा, खरीदने वाले कर रहे उत्खनन

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Published : May 24, 2021, 3:38 PM IST

भाटापारा जनपद पंचायत के लालपुर गांव में एक शासकीय जमीन को कृषि भूमि बताकर बेचने का केस सामने आया है. गांव के ही एक शख्स पर तालाब को बेचने का आरोप है. खरीदने वाला शख्स तालाब से मिट्टी का खनन कर रहा है. मामले को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है. जो अभी विचाराधीन है. बावजूद इसके दबंग खनन में लगे हैं.

शासकीय तालाब , Government pond
शासकीय तालाब को कृषि भूमि बताकर दबंगों ने बेचा

बलौदा बाजार: भाटापारा जनपद पंचायत के लालपुर गांव के शासकीय तालाब को कृषि भूमि बताकर दबंगों द्वारा बेचने का मामला सामने आया है. इसमें ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी. लॉकडाउन के कारण केस कोर्ट में विचाराधीन है. बावजूद इसके गांव के दबंग तालाब में अवैध उत्खनन कर तालाब की मिट्टी को बेच रहे हैं. भाटापारा जनपद पंचायत के लालपुर गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के शासकीय तालाब को कृषि भूमि बताकर बेच दिया गया है. तालाब को खरीदने वाला शख्स जेसीबी के माध्यम से तालाब की मिट्टी बाहर लेकर जा रहा है. इससे ग्रामीणों को नहाने-धोने और मवेशियों के पानी की समस्या हो रही है.

शासकीय तालाब को कृषि भूमि बताकर दबंगों ने बेचा

किसी ने नहीं ली सुध

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने जिला के कलेक्टर और एसडीएम से भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद सभी ने उच्च न्यायालय की शरण लिया. जहां मामला विचारधीन है, लेकिन लॉकडाउन में तालाब में खनन का काम लगातार जारी है. इसे रोकने के लिए भी कोई अधिकारी नहीं आ रहे हैं. केस में एसडीएम इंदिरा देवहरी का कहना है, केस की जानकारी उन्हें मिली है और खनन को रोकने के आदेश दे दिए गए हैं.

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आंदोलन की चेतावनी

लालपुर के रहने वाले रवि यादव इस केस में हाईकोर्ट में याचिका दायर किए हैं. इसमें लालपुर के ग्रामीणों की भी सहमति है. रवि यादव का कहना है कि जिस तालाब को गांव के विष्णु यादव ने दबंगई कर कृषि भूमि बता खरिद-फरोख्त की है. उसके खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई गई है. रवि यादव ने बताया कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक तालाब का संरक्षण सरकारी महकमा को करना है. इसे लेकर भाटापारा के तहसीलदार, एसडीएम और जिला कलेक्टर से भी शिकायत की गई है. बावजूद इसके केस में किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है. गांव वालों ने जल्द कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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