बलौदाबाजार: नसबंदी के बाद महिला की मौत मामले में फरार आरोपी पूर्व सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. मामले में नर्स की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है.
अग्रिम जमानत याचिका खारिज प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रफुल्ल सोनवानी की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता अमिय अग्रवाल ने डॉ. प्रमोद की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के रूलिंग का हवाला दिया.
खारिज की याचिका
अमिय ने कहा कि, 'प्रमोद द्वारा फरार होकर कोर्ट में अग्रिम जमानत मांगना उनके सही होने पर संदेह पैदा करता है. अगर वे सही हैं तो उन्हें सरेंडर कर रेगुलर बेल की मांग करनी चाहिए थी, जिस पर कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता के तर्क को न्याय संगत मानते हुए अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
नर्स डागेश्वरी जेल दाखिल
दरअसल, पलारी ब्लॉक के गुमा गांव की रहने वाली पूर्णिमा पाल की नसबंदी के बाद मौत हो गई थी, जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर प्रमोद तिवारी ने महिला का ऑपरेशन किया था, वहीं इस मामले में पुलिस ने आरोपी नर्स डागेश्वरी को जेल दाखिल कर दिया है वहीं डॉ प्रमोद तिवारी फरार चल रहा है.