सरगुजा:स्कूल, कॉलेज व शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री या सेवन करने वालों की अब खैर नहीं है. जिले को तंबाकू मुक्त बनाने का अभियान शुरू हो चुका है. जनजागरूकता के बाद अब सीधे कार्रवाई की जाएगी और चालान के साथ FIR भी दर्ज होगी.
जिले में 4 लाख लोग करते हैं तंबाकू का सेवन
इस अभियान को लेकर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत युवाओ में प्रचलित तंबाकू नशे की समीक्षा की गई. अब जो आंकड़े सामने आए है वे चिंताजनक है. सरगुजा को तंबाकू मुक्त करने की दिशा में बड़ी चुनौती है. यहां की कुल जनसंख्या 10 लाख है. जिसमें से 4 लाख लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. इनमें से 90 प्रतिशत लोग नशे की गिरफ्त में 10 से 22 वर्ष की आयु में ही आ जाते है. ये किशोर आयु के बच्चे तम्बाकू व पान मसाला के लोक लुभावने वाले विज्ञापन व दूसरे लोगों को तंबाकू खाते देखने से इसका सेवन शुरू करते हैं. जबकि 15.5 प्रतिशत बच्चे कौतूहल वश व शिक्षण संस्थान के आस-पास सर्व सुलभता के कारण मिलने से इसका सेवन करते हैं.
विज्ञापन पर भी कस सकता है शिकंजा
सरगुजा में तंबाकू सेवन शुरू करने की शुरुआती उम्र 8 वर्ष की पायी गयी है. जो चिंताजनक है. तंबाकू बनाने वाली कंपनियां किशोरों को अपना सबसे बड़ा ग्राहक मानती है. तरह-तरह के प्रलोभन व विज्ञापन के माध्यम से इनके कोमल मन व मस्तिष्क को तंबाकू सेवन करने के लिए प्रेरित करते है. जिले में तम्बाखू के विज्ञापन पर भी नियंत्रण की योजना बनाई जा रही है, स्कूल एवं काॅलेज के 100 गज के दायरे में तंबाकू बेचने पर पूरी पाबंदी लगाई गई है.