रायपुर : मार्च के महीने से राजधानी रायपुर में गर्मी की तपिश बढ़ गई है. धीरे-धीरे तापमान भी बढ़ रहा है. ऐसे में घर से बाहर बिना चश्मे के निकलने पर आंखों पर कई तरह का असर पड़ता (effect of heat on eyes) है. तेज धूप की वजह से आंख खराब भी हो सकती है. गर्मी बढ़ने के साथ ही राजधानी में चश्मे का बाजार भी सज गया. लोग गर्मी के हिसाब से अपने मनपसंद रंग के बड़े ग्लॉस वाले चश्मे खरीद रहे हैं. जिससे सूर्य की तेज किरणों से बचा जा सके.
चश्मा कारोबार हुआ था प्रभावित :बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से चश्मे का कारोबार भी प्रभावित हुआ था.लेकिन इस बार चश्मा बेचने वाले दुकानदारों के पास बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के चश्मे मौजूद (Market decorated with colorful glasses) हैं. चश्मा बेचने वालों की माने तो कोरोना के कारण उनका बिजनेस काफी प्रभावित हुआ था. लेकिन इस बार बिक्री अच्छी होने की उम्मीद है. चश्मा दुकानों में 40 रुपए से लेकर 350 रुपए तक के चश्मे उपलब्ध हैं. जिनका इस्तेमाल बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कर सकते हैं.
गर्मी में होती है शिकायतें : आंखें अनमोल होने के साथ ही संवेदनशील भी होती है. तेज धूप की वजह से आंखों पर पड़ने वाली अल्ट्रावायलेट रेडिएशन इनको नुकसान पहुंचा सकती है. इससे बचने के लिए अच्छी क्वालिटी के धूप के चश्मे का इस्तेमाल करना जरूरी है. सर्दियों की तुलना में गर्मी में यूवी रेडिएशन 3 गुना ज्यादा होती है. इसलिए गर्मियों के शुरू होते ही धूप के चश्मे की जरूरत महसूस होने लगती है. कई लोग तेज धूप में बिना चश्मा के बाहर निकल जाते हैं. ऐसे ही में सूर्य की तेज किरणों की वजह से आंखों में जलन, पानी गिरना, सिर चकराना, जी मिचलाना जैसी शिकायतें होने लगती है
तेज धूप से नुकसान : तेज धूप में बाहर निकलने पर सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से आंखों के ऊपर बनी टियर सेल यानी आंसुओं की परत टूटने या क्षतिग्रस्त होने लगती है . यह कार्निया के लिए हानिकारक होती (Eyes hazard from UV rays) है. आंखों की कार्निया को भी यूवी किरणों से उतना ही नुकसान पहुंचता है, जितना कि रेटीना को. ऐसे में धूप में जाते समय काला चश्मा पहनने से इस समस्या से बचा जा सकता है.