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राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राजभवन परिसर में किया पौधारोपण

विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राजभवन परिसर में पौधारोपण किया. इसके साथ ही प्रदेशवासियों से पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण की अपील की.

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Published : Jun 5, 2020, 3:36 PM IST

Governor Anusuiya Uike planted tree in the Raj Bhavan complex raipur
राज्यपाल ने किया पौधारोपण

रायपुर: आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजभवन परिसर में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पौधारोपण किया. इस दौरान उन्होंने अमरूद, अनार, आंवला, कटहल, काला जामुन, स्वर्ण चम्पा और अमलतास पौधों का रोपण किया.

विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण

इस अवसर पर राज्यपाल ने आम जनता से पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन ही औपचारिकता न निभाएं बल्कि प्रदूषण रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करें. इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले वस्तुओं का कम से कम उपयोग करने की अपील की.

प्रदेशवासियों से पौधारोपण की अपील

राज्यपाल ने बताया कि प्रदूषण रोकने का सही उपाय वृक्षारोपण करना है. उन्होंने प्रदेशवासियों से अपने आस-पास के खाली जगहों पर वृक्षारोपण करने और उसकी उचित देखभाल करने की अपील की.

आज विश्व पर्यावरण दिवस

बता दें कि आज पूरा विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है. साल 1972 ने अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय राजनीति के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में बुलाई गई पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर 5-16 जून के बीच स्टॉकहोम (स्वीडन) में पहला बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया. यह मानव पर्यावरण पर सम्मेलन या स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में जाना जाता है. इसका लक्ष्य मानव पर्यावरण को संरक्षित करने और बढ़ाने की चुनौती को संबोधित करने के तरीके पर एक बुनियादी सामान्य दृष्टिकोण बनाना था.बाद में इस वर्ष 15 दिसंबर को महासभा ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में नामित करने वाला संकल्प लिया.

पढ़ें-विश्व पर्यावरण दिवस आज : पर्यावरण, मानव हस्तक्षेप और महामारी

इस वर्ष विश्व पर्यावरण का विषय जैव विविधता है, जिसके अंतर्गत पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों की व्यापक विविधता के संदर्भ में जैविक विविधता को अक्सर समझा जाता है, लेकिन इसमें प्रत्येक प्रजाति के भीतर आनुवंशिक अंतर भी शामिल है - उदाहरण के लिए, फसलों की किस्मों और पशुधन की नस्लों के बीच और पारिस्थितिक तंत्र (झीलों, जंगल, रेगिस्तान, कृषि परिदृश्य) की विविधता जो अपने सदस्यों (मनुष्यों, पौधों, जानवरों) के बीच कई प्रकार की बातचीत की मेजबानी करती है.

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