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युवाओं को सशक्त बनाने में रहेगा रायपुर के नए कलेक्टर का फोकस, जानिए उनकी रणनीति ?

रायपुर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले में विकास कार्यों को लेकर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाना उनका लक्ष्य (Challenges for Raipur Collector ) है.

Dr Sarveshwar Narendra Bhure took charge of Raipur Collector
युवाओं को सशक्त बनाने में रहेगा रायपुर के नए कलेक्टर का फोकस

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Published : Jul 4, 2022, 6:27 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नए कलेक्टर के तौर पर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे(Dr Sarveshwar Narendra Bhure) ने चार्ज ले लिया है. 2011 बैच के आईएसएस अफसर डॉ भुरे रायपुर के 54 वें कलेक्टर के रूप में पदस्थ हुए हैं. जबकि राज्य गठन के बाद रायपुर के 20 वें कलेक्टर हैं. डॉक्टर भूरे मूल रूप से महाराष्ट्र से संबंधित है. उन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री महाराष्ट्र से की है. डॉक्टर भूरे मुंगेली, कवर्धा, बिलासपुर, बस्तर और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इससे पहले डॉ भुरे दुर्ग के कलेक्टर रहे हैं. राजधानी रायपुर के नए कलेक्टर के रूप में चार्ज लेने के बाद ईटीवी भारत ने डॉक्टर भुरे से खास बातचीत की.

युवाओं को सशक्त बनाने में रहेगा रायपुर के नए कलेक्टर का फोकस

सवाल: राज्य गठन के बाद 20 वें कलेक्टर के तौर पर चार्ज लिया है. आपकी स्ट्रेटजी क्या होगी?

जवाब: दुर्ग जिले के बाद वर्तमान में रायपुर जिले में प्रभार लिया हूं. हम लोगों ने यही प्लानिंग रखी है कि आने वाले समय में शासन के विभिन्न योजनाएं हैं. उनका बेहतर कैसे किया जाए. इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे. चूंकि रायपुर जिला अधिकतम रूप से शहरी जिला (Challenges before Raipur Collector) है. जिसमें बड़ी संख्या में नगरीय निकाय है. हमारा यही फोकस रहेगा कि जो शहरी आबादी है. उनका हम किस प्रकार से योजनाओं का लाभ पहुंचा सके. उनके अपेक्षाएं और आकांक्षाओं को कितने हद तक पूरा कर सकें. यही हमारा पूरा फोकस रहेगा.

सवाल: दुर्ग के बाद आपको राजधानी की कमान सौंपी गई है. किस तरह की चुनौती देखते हैं?

जवाब: जो हम लोग कार्य करते हैं. उसमें बहुत सारे एक्सप्रेस हैं. हमारे पास कितने संसाधन उपलब्ध है. वर्तमान में कौन-कौन से प्रोजेक्ट सेंसन हैं. इसके अलावा स्थानीय आवश्यकता क्या है. इन सभी चीजों को देखते हुए हम लोग कार्य योजना बनाते हैं. अभी दो-तीन दिनों से मैंने देखा, मुख्य रूप से मुझे लगा कि जो युवा है जो यूथ इंपावरमेंट है. इसके अलावा युवाओं को अपॉर्चुनिटी प्रोवाइड करना (Raipur Collector thinking about youth) है. उसके लिए कार्य करना बेहद जरूरी है. उस दिशा में डेफिनेटली कार्य योजना बनाएंगे. वहीं युवाओं को कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की आवश्यकता मुझे प्रतीत हुई. इसके अलावा हमारे गवर्नमेंट के माध्यम से फ्री कोचिंग की व्यवस्था करना हमारी प्रॉयोरिटी है. पब्लिक लाइब्रेरी का एक्ससेंशन किए जाने पर भी फोकस रहेगा.

सवाल: अवैध प्लाटिंग की लगातार शिकायतें आती है. इसे लेकर क्या तैयारी है?

जवाब: अवैध प्लाटिंग और इललीगल माइनिंग. ये दोनों इसुज दो-तीन दिनों से सुन रहा हूं. इसे एक बार परीक्षण करने की जरूरत है. हम लोग इसमें कैसे बेहतर काम कर सकते हैं. हमारा यही उद्देश्य रहेगा. ऐसा कोई भी काम न हो जिससे शासन के राजस्व को छति हो और लोगों को इनकन्वीनियंस (Raipur Collectors action plan regarding the district) हो.

सवाल: रायपुर राजधानी है. यहां की सड़कों पर नाबालिग भीख मांगते दिखतें है. इस पर रोक लगाने की आपने कोई योजना बनाई है?

जवाब: चाइल्ड बिगर्स के लिए हमने एक दिन पहले ही कार्य योजना बनाने ढांचा तैयार किया है. उसे हम आने वाले समय में क्रियान्वित करेंगे. बेसिकली यह पूरी तरह से एक ऑर्गेनिक प्रोसेस है. केवल उस बच्चे की गलती नहीं है. उसके साथ पेरेंट्स और उनके सरवाइवल का भी इसु है. इन सभी सस्पेक्ट को समझने की आवश्यकता है. उसके बाद इसमें हम लोग कार्रवाई कर सकते हैं.


सवाल: दुर्ग के अंजोरा में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सैकड़ों पेड़ काट दिए गए. आपने वहां पौधा रोपण किया. रायपुर में भी विकास के नाम पर कई पेड़ काट दिए जाते हैं, लेकिन पौधा रोपण नहीं होता?

जवाब: प्लांटेशन हमारे लिए महत्वपूर्ण विषय है. हमने पहले भी काफी संख्या में प्लांटेशन किया है, लेकिन सड़क चौड़ी करण के दौरान कितना बचा सकते हैं या कितना पौधा बच जाता है. यह महत्वपूर्ण विषय है. हम कोशिश करेंगे की ज्यादा से ज्यादा पौधों को बचा सके.


सवाल: कोरोना की दूसरी लहर सुनामी की तरह आई थी. सबसे पहले दुर्ग प्रभावित हुआ. इस दौरान आपने बेहतर काम किया. फिर कोरोना अपनी पैर पसार रहा है. रायपुर में इसे लेकर क्या तैयारी रहेगी?

जवाब: मुझे लगता है कि वर्तमान में जो कोरोना स्ट्रेन है. उसमें मोर्बिलिटी या जो लोगों का हार्म करने की क्षमता है. इस स्ट्रेन में कम है. जिसका मुख्य कारण वैक्सीनेशन है. मेरा यही मानना है कि लोगों में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन पर फोकस रखना चाहिए. यदि हम लोग ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन करेंगे तो यह प्रॉब्लम सॉर्ट आउट होगी.

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