छत्तीसगढ़

chhattisgarh

By

Published : Jul 6, 2022, 1:21 PM IST

ETV Bharat / city

क्यों बढ़ जाते हैं बारिश में फूड प्वॉजनिंग के मामले ?

बारिश के मौसम में अक्सर लोगों को तली हुई चीजें खाने का मन करता है.लेकिन यदि यही चीजें हाईजीन ना हो तो आपके लिए मुसीबत का सबब बनती (Danger of food poisoning in rainy season) है.

Why do the cases of food poisoning increase in the rain?
क्यों बढ़ जाते हैं बारिश में फूड प्वॉजनिंग के मामले

रायपुर :बारिश का मौसम शुरू हो गया है. बारिश के मौसम में कई तरह के स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां देखने को मिलती (Danger of food poisoning in rainy season ) है. ज्यादा देर तक पानी में भींगने, लगातार मौसम में चेंज होने की वजह से बुखार , सर्दी खांसी , निमोनिया जैसी बीमारियां होती है. अगर आप भींग गए हो और आपने तली हुई चीजें या ज्यादा ऑयली खाना खाया है तो ऐसे में पेट संबंधित कई तरह की बीमारी होती (Food fried in rain is harmful) है. वहीं अलग-अलग जगहों पर पानी पीने की वजह से भी पेट संबंधित बीमारियां होती है. स्ट्रीट फूड ज्यादातर खुले में बनता है. वहीं खुले में ही वह सुबह से ही शाम तक बाहर रखा रहता है और अनहाइजीनिक जगहों पर ज्यादा देर तक रहने से खाने में ना दिखाएं दिखने वाले कीटाणु पनपने लगते हैं. यही चीज खाने से फूड प्वॉइजनिंग और अन्य तरह की बीमारियां होती है.


क्यों बारिश में होती है बीमारियां :मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे ने बताया " बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती है. जिसमें सबसे ज्यादा फूड पॉइजनिंग के मामले अस्पतालों में देखने को मिलते है. बारिश के मौसम में अक्सर लोगों को चटपटा और बाहर खाने का मन करता है. लेकिन लोगों की यह चाहते उन्ही पर भारी पड़ती है. बारिश के समय में अक्सर कीचड़ और अनहाइजीनिक जगहों पर स्ट्रीट फूड बनाने की वजह से पेट से जुड़ी कई तरह की बीमारियां होती (Bacteria thrive in food in unhygienic places) है. सबसे ज्यादा गुपचुप , चाट, चाइनीस आइटम्स , मोमोस इस तरह के बाहर के खाने से पेट संबंधित बीमारियां होती है. "

क्यों है स्ट्रीट फूड खतरनाक :मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे(Mekahara Department of Medicine Professor Dr RL Khare) ने बताया " गुपचुप का पानी सुबह से लेकर शाम तक एक ही जगह पर रखा रहता है , चाट , चाइनीज आइटम में डालने जाने वाली सब्जियां सुबह से शाम तक खुले में पड़ी रहते हैं. यह सारी चीजें खुले में बनाई जाती है और जगह भी हाइजेनिक नहीं रहती है. जिससे पेट संबंधित बीमारियां होती है. आज के समय में मोमोस काफी लोगों को पसंद आते हैं. लेकिन मोमोस पेट और स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होते हैं. पहली बात मोमोस में जो सब्जी डाली जाती है वह कितनी पुरानी है यह पता नहीं चलता. ऊपर से मैदा में सब्जी भरकर मोमोज को स्टीम किया जाता है. जिससे वह आधा पका और आधा कच्चा रह जाते हैं. जो पेट के लिए काफी हानिकारक होता है."

बारिश के मौसम में बीमारी का खतरा क्यों :डाइटिशियन निधि पांडे (dietician nidhi pandey in raipur) ने बताया " बारिश के मौसम में ह्यूमिडिटी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. जहां पर भी ह्यूमिडिटी ज्यादा रहती है, वहां पर बैक्टीरिया के पनपने का सही वातावरण पैदा हो जाता है. खाने की जितनी भी चीजें हैं. चाहे वह घर में हो या बाहर हो. आम दिनों में अगर उसमें 6 घंटे के बाद बैक्टीरिया पनपने लगते हैं , तो बारिश के मौसम में वह 3 घंटे में ही पनपने लग जाएंगे. होटल या ठेलों में जो साफ करने का कपड़ा रहता है वह गिला ही रह जाता है जिससे टेबल साफ करने से वहां गंदगी बनी रहती है. बारिश के मौसम में फंगल ग्रोथ भी तेजी से पनपते हैं. यह सारे कारण है जिस वजह से बारिश के मौसम में हमारे बीमार पड़ने की वजह होती है. वहीं बारिश के मौसम में सनलाइट भी काफी कम रहती है जिससे विटामिन डी आपके शरीर में या आसपास के वातावरण में भी काफी कम रहती है जिससे बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है.''

ये भी पढ़ें-अगर बनना चाहते हैं स्लिम तो इस सत्तू का करें सेवन


किस तरह रखे अपनी सेहत का ख्याल

• पीने का पानी अच्छे तरीके से ढक कर रखना चाहिए.

• अगर पानी मिट्टी के घड़े में रखी गई है तो घड़ों को 2-3 दिनों में अच्छे से साफ करे.

• पानी में अगर पॉसिबल हो तो थोड़ा सा पुदीना या तुलसी डालकर रखें इससे पानी और थोड़ा न्यूट्रीशनल हो जाएगा.

• दिन में एक या दो बार ही चाय पीए , ग्रीन टी या ब्लैक टी दूध वाली चाय के बदले पी सकते हैं. चाय में चीनी की मात्रा काफी कम करें.

• तली हुई चीजों को बारिश के मौसम में जितना कम हो सके उतना कम खाएं.

• कच्चे फल या सब्जियां अच्छे से साफ करके खाएं और यह ध्यान रखें कि वह फ्रेश हो.

• साफ-सुथरी वाले जगह पर ही खाना खाएं.

• फल सब्जियों को गरम पानी में नमक मिला कर धोएं.

• पैक या रेडी टू फ्राई आइटम कम से कम खाएं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details