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छत्तीसगढ़ को मिला नया जिला, सारंगढ़ बिलाईगढ़ में सीएम भूपेश का भव्य स्वागत

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Published : Sep 3, 2022, 2:39 PM IST

छत्तीसगढ़ वासियों को सीएम भूपेश बघेल ने 30वें जिले के तौर पर सारंगढ़ बिलाईगढ़ की सौगात दी है.नवीन जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के शुभारंभ अवसर पर रोड शो का आयोजन किया गया.जिसमें नृत्यश्री धारा इंस्टीट्यूट, रायपुर के छोटे-छोटे बच्चों ने करमा लोकनृत्य से सीएम का स्वागत किया.

सारंगढ़ बिलाईगढ़ में सीएम भूपेश का भव्य स्वागत
सारंगढ़ बिलाईगढ़ में सीएम भूपेश का भव्य स्वागत

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM bhupesh baghel) ने 3 सितम्बर को नवगठित जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ (Chhattisgarh got new district Sarangarh Bilaigarh ) वासियों को 540 करोड़ 32 लाख 98 हजार रुपये की लागत के 46 विकास कार्यों की सौगात दी है. जिसमें 28 करोड़ 3 लाख 1 हजार रुपए की लागत से निर्मित 20 कार्यों का लोकार्पण एवं 512 करोड़ 29 लाख 97 हजार रुपये की लागत से बनने वाले 26 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है.

लोगों ने सीएम के स्वागत में लिखे स्लोगन :सारंगढ़ की कई दुकानों के बाहर स्लोगन लिखा हुआ है.पान,पानी, पालगी. जिला बनने से यहां के लोग बेहद खुश हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत कर रहे (Grand welcome of CM Bhupesh in Sarangarh Bilaigarh) हैं. स्वागत के लिए लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों को सजाकर रखा है. लेकिन आखिर हर जगह पान, पानी और पालगी क्यों लिखा हुआ है ये भी जानना जरुरी है.

सारंगढ़ बिलाईगढ़ में सीएम भूपेश का भव्य स्वागत
पान, पानी और पालगी का मतलब : : पान, पानी और पालगी के बारे में पूछने पर यहां के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि ये लाइन सारंगढ़ की पहचान हैं. पहले यहां पान के बहुत शौकीन थे. यहां पर कई जगह पान की खेती भी होती है. इसके अलावा यहां बहुत से तालाब हुआ करते थे. जिससे यहां पानी की कभी कमी नहीं हुई.वहीं छत्तीसगढ़ की संस्कृति में बड़ों का सम्मान स्वरूप प्रणाम करने पर पालगी कहते हैं.इसलिए सारंगढ़ की पहचान के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति के मुताबिक सीएम भूपेश बघेल का स्वागत किया जा रहा है. आपको बता दें पान , पानी और पालगी सारंगढ़ के लोगों की पहचान और हमारी जीवन शैली का अहम हिस्सा बन चुका है. इसलिए लोगों ने अपने मुखिया के स्वागत में सारंगढ़ की पहचान बन चुकी इन पंक्तियों को लिखकर रखा है. इस दौरान मुख्यमंत्री का बेंगलुरु में निर्मित और तिरुपति बालाजी में चढ़ाए गए मुकुट, साल और माला भेंटकर स्वागत किया गया. मुकुट का निर्माण कांजीवरम सिल्क साड़ी से किया गया है.

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