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यूक्रेन में फंसी कोरबा की बिटिया घर लौटी, दर्द-ए-दास्तां सुनकर छलक जाएंगे आंसू

रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War ) छिड़ चुका है. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्रों के लिए अब हालात जानलेवा हो चुके हैं. खुशकिस्मती से जो छात्र वहां से लौट आए हैं, वह युद्ध के भयावह मंजर को भूल नहीं पा रहे. कोरबा की एक बेटी रिया पुरोहित यूक्रेन से बमुश्किल लौटी (Korba daughter returned home from Ukraine ) हैं. रिया की बमुश्किल घर वापसी की कहानी सुनिए....

Korba daughter returned home from Ukraine Russia Ukraine War
यूक्रेन में फंसी कोरबा की बिटिया घर लौटी

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Published : Feb 28, 2022, 5:48 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 7:38 PM IST

कोरबा: पिछले साल दिसंबर माह में ही रिया कोरबा से यूक्रेन गई थीं. वह एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा है. रिया के पिता सुनील पुरोहित मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े हुए हैं. परिजन रिया के घर लौट आने पर काफी खुश हैं. रिया ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए. रिया ने बताया कि वह किन परिस्थितियों में वहां से निकलने में कामयाब रहीं. रोमानिया बॉर्डर पर धक्का-मुक्की में रिया की रूम पार्टनर पीछे छूट गई. वह अब भी कहीं फंसी हुई है. रिया ने खुद 4 दिन का सफर तय किया, तब जाकर कोरबा लौट (Korba daughter returned home from Ukraine ) पाईं.

यूक्रेन में फंसी कोरबा की बिटिया घर लौटी

फरवरी में ही करा लिया था टिकट

रिया ने बताया कि ''युद्ध के आहट के बीच हमें सूचना थी कि हालात खराब हो रहे हैं. इसलिए 15 फरवरी को ही अपना टिकट बुक करा दिया था. जिस दिन बमबारी शुरू हुई, उसी दिन 22 फरवरी को फ्लाइट थी. मैंने यह सोचकर टिकट बुक करा लिया था कि यदि हालात संभल गए तो टिकट कैंसिल करा देंगे. जबकि ज्यादातर लोगों ने टिकट बुक नहीं कराया था. मेरे बैच में 13 लोग थे. 7 लोग अब भी फंसे हुए हैं. 13 लोगों में से हम चार लोग रूममेट थे. एक रोमानिया बॉर्डर पर धक्का-मुक्की के कारण निकल नहीं पाई. वह रोमानिया बॉर्डर पर ही फंसी हुई है.''

खाना नहीं मिल रहा, मारपीट भी हो रही

युद्ध के भयावह मंजर को बयान करते हुए रिया ने बताया कि रोमानिया बॉर्डर पर हजारों लोगों की भीड़ लगी हुई है. लंबी-लंबी कतारें हैं. वहां सिर्फ भारतीय छात्र नहीं हैं. यूक्रेन के लोग भी वहां से निकलना चाहते हैं. उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है. जिसके कारण छात्र पीछे छूट रहे हैं. हमारे यूनिवर्सिटी के ही कुछ सीनियर्स हैं, जो लोगों को मदद कर रहे हैं. खाने का सामान पहुंचा रहे हैं. सभी वहां रोटियां बेलकर लोगों को खाना दे रहे हैं. कंबल बांट रहे हैं. भीड़ इतनी है कि लगातार धक्का-मुक्की हो रही है. लोगों के साथ मारपीट की जा रही है. स्थिति बेहद खराब है.

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घर वापसी के लिए 4 दिन का सफर

यूक्रेन से भारत लौटने की फ्लाइट पर चर्चा करते हुए रिया ने बताया कि आमतौर पर फ्लाइट का सफर 16 घंटे का होता है, लेकिन फ्लाइट बहुत ज्यादा लेट चल रही है. मैं चर्नी विट्स में रहती हूं जो यूक्रेन का वेस्टर्न पार्ट है. मुझे कीव तक जाना था. जिसके लिए रातभर का सफर करना होता है. अगली सुबह 8 बजे कीव पहुंचकर अगले दिन 3:40 में मेरी फ्लाइट थी. जिसके बाद रात को 10 बजे दोहा पहुंची. वहां से दिल्ली और दिल्ली से घर. इन सबमें 4 दिन का समय लग गया.

यूक्रेन से निकलना चाहते हैं सभी

युद्ध शुरू होने के बाद के हालातों पर रिया ने बताया कि अब वहां सभी को खतरा महसूस हो रहा है. भारतीय छात्र हों या फिर यूक्रेनियन सभी वहां से जल्द से जल्द निकल जाना चाहते हैं. हम जहां रहते हैं, वहां से मेरे सीनियर कीव आ रहे थे. यह 24 घंटे का सफर है. वो जब एयरपोर्ट से 2 घंटे दूर थे, तब कीव के एयरपोर्ट पर बमबारी शुरू हो गई. जिसके कारण उन्हें फिर से वापस आना पड़ा. इतनी देर में भीड़ इतनी बढ़ गई कि 8 घंटे का सफर तय करने में 24 घंटे लग गए.

'रोमानिया बॉर्डर पर फंसे, जरूरत के सामान की किल्लत

रिया ने आगे बताया कि वह जिस जगह पर रहती थी, वहां पर बमबारी शुरू नहीं हुई है. वहां के कुछ दुकान खुले हुए हैं, लेकिन कोई घर के बाहर नहीं निकल रहा है. खाने-पीने के सामान भी अब वहां नहीं मिल रहे हैं. हॉस्टल में खाना बन रहा है. सीनियर छात्र जो अंतिम वर्ष में हैं, वह इंतजाम कर रहे हैं. ऐसे छात्र जो मेडिकल की पढ़ाई के अंतिम वर्ष में हैं, उन्हें कुछ साफ-साफ नहीं बताया गया. अंतिम वर्ष के छात्रों का 2 महीने बाद एक क्रॉक्स का एग्जाम होता है. यह भारत के एमसीआई की एग्जाम की तरह होता है. अगर वर्तमान में निकल गए तो वापस आकर वह एग्जाम दे पाएंगे या नहीं इन बातों को यूनिवर्सिटी प्रबंधन की ओर से क्लियर नहीं किया गया. जिसकी वजह से सीनियर छात्र वहीं फंसे रह गए और समय रहते निकल नहीं पाये.

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चार्टर प्लेन भी कैंसिल करना पड़ा

रिया ने बताया कि यूनिवर्सिटी में ही एक सुनील शर्मा नाम के व्यक्ति ने उनकी मदद की. इन्हीं के जरिए छात्रों का एडमिशन यूक्रेन में हुआ था. वह पल-पल की खबर देते रहे. उनकी वजह से ही सही समय पर टिकट बुक करा लिया. एक चार्टर प्लेन भी बुक किया गया था. लेकिन उसकी बुकिंग कैंसिल करनी पड़ी. जिससे भी काफी सारे छात्र वतन वापस नहीं आ पाये. रोमानिया के हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए रिया कहती हैं कि वहां काफी ज्यादा भीड़ हो गई है. लोग सड़कों पर सो रहे हैं. बॉर्डर से 1-1 कर लोगों को निकाला जा रहा है, लेकिन इस गति से निकल पाना संभव नहीं हो रहा है. बच्चे पीछे छूट जा रहे हैं. हालांकि रिया को उम्मीद है कि धीरे-धीरे ही सही वहां से सब निकलने में कामयाब होंगे.

Last Updated : Feb 28, 2022, 7:38 PM IST

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