कोरबाः एक साल बाद केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं. किसान नेता, वामपंथी संगठन के साथ ही अन्य संगठन पिछले लगभग 1 वर्ष से आंदोलनरत हैं. अब कानून वापसी के बाद उनके बीच खुशी का माहौल है. जिले के किसान नेताओं ने सभा और सम्मेलन का आयोजन शुरू कर दिया (Farmer leaders started organizing meetings and conferences) है. वो कानून वापसी की खुशी मना रहे हैं.
इस बीच किसान नेताओं का यह भी कहना है कि सरकार अब संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानून वापसी (return law) की विधिवत व्यवस्था करे. तभी कानून वापसी पर पुख्ता मुहर लगेगी. इसके साथ ही आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों को मुआवजा भी मिलना चाहिए.
जब तक कानून वापसी का बिल नहीं, तब तक आंदोलन
छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सह सचिव दीपक साहू का कहना है कि केंद्र सरकार के कानून वापसी के निर्णय का हम स्वागत करते हैं.
लेकिन जब तक कानून वापसी का बिल लोकसभा में नहीं आ जाता, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे. जब तक कानून वापसी का विधिवत मसौदा तैयार ना हो जाए, तब तक हम अपनी बातों पर अडिग रहेंगे और हमारा आंदोलन चलता रहेगा. किसान कानून के तीनों बिल वापसी की कानूनन व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए.