जगदलपुर: नक्सल वारदातों में जिन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी जांच के लिए अब उनका सैंपल बाहर नहीं भेजना पड़ेगा. जगदलपुर में इसके लिए जून महीने से फॉरेंसिक लैब बनाई जा रही है. इसके साथ ही यहां नारकोटिक्स जांच की भी सुविधा होगी. क्षेत्र में फॉरेंसिक लैब बनने से पुलिस को बहुत से मामलों में मदद मिलेगी. वहीं सैंपलों की रिपोर्ट भी जल्द मिल सकेगी.
इससे पहले अब तक जब्त किए गए गांजा, अफीम, कोठी, न्यू सिरप और दाढ़ी का सैंपल जांच के लिए रायपुर भेजा जाता था. इसके अलावा DNA परीक्षण के लिए भी दूसरे शहरों में मौजूद लैब से मदद ली जाती थी. जहां से रिपोर्ट आने में 3 से 4 महीने लग जाते थे, जिसकी वजह से पुलिस को निर्धारित समय में चालान पेश करने सहित विधिक प्रक्रिया में काफी दिक्कतें होती थीं. बता दें कि ओडिशा के बस्तर से सटे होने के कारण बस्तर में गांजा परिवहन के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं.
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नक्सल वारदातों में जिन विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है, उनके परीक्षण और फाइल तैयार करने में भी पुलिस को लंबा वक्त लगता था. जगदलपुर में बनने वाले क्षेत्रीय विज्ञान प्रयोगशाला में अब इन सब मामलों की जांच हो सकेगी और रिपोर्ट जल्द दी जा सकेगी.
नक्सलियों ने मनाया शहीदी सप्ताह
बता दें कि प्रदेश में लगातार नक्सली सक्रिय है. इस साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह मनाया. नक्सली सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों को 'शहीद कॉमरेड' बताते हैं. शहीदी सप्ताह में नक्सली मारे गए साथियों की याद में स्मारक बनाने के साथ ही सभाएं करते हैं. इन सभाओं के दौरान नक्सली मारे गए अपने साथियों का महिमामंडन करते हैं. शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सलियों का यह भी मुख्य उद्देश्य होता है कि ज्यादातर ग्रामीणों को अपने संगठन से जोड़ा जा सके. शहीदी सप्ताह के पहले ही नक्सली बैनर-पोस्टर के माध्यम से जगह-जगह ग्रामीणों को इसे मनाने की जानकारी देते हैं. इस बार सुरक्षाबल के जवानों को नक्सली स्मारकों को ध्वस्त करने में बड़ी सफलता मिली. नक्सलियों के खिलाफ अब इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण भी उनका विरोध करने लगे हैं.