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दुर्ग में स्वामी आत्मानंद स्कूलों ने कैसे बदली शिक्षा व्यवस्था

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Published : Jun 4, 2022, 12:47 PM IST

Updated : Jun 5, 2022, 10:56 AM IST

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा (How Swami Atmanand Schools changed the education system) है. दुर्ग में इस बार 6 नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खुलेंगे. जिसके बाद शहर में आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों की संख्या 16 हो जाएगी.

Swami Atmanand English Medium School
स्वामी आत्मानंद स्कूलों ने कैसे बदली शिक्षा व्यवस्था

दुर्ग :प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की. इसका मूल उद्देश्य राज्य के गरीब से गरीब बच्चे को भी निजी स्कूलों की तरह अच्छी सुविधाएं दिलाते हुए अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर उन्हें भावी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है. जिससे शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों की असमानता को दूर किया जा सके. साथ ही शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा सके.

स्वामी आत्मानंद स्कूलों ने कैसे बदली शिक्षा व्यवस्था

कितने स्कूलों का हो रहा संचालन : दुर्ग जिले में 16 आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल (Swami Atmanand English Medium School) संचालित किया जा रहा है. दुर्ग जिले में प्राइवेट स्कूलों की तरह इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर गुणवत्ता की अंग्रेजी शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए हैं. पिछले सत्र में दस स्कूलों में पढ़ाई हुई थी. इस बार छह नए स्कूल खोले जा रहे हैं. नए सत्र की तैयारियों के लिए इन स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है. जरूरतों के मुताबिक अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने की योजना बनाई गई है.

स्कूलों में कैसी रहेंगी सुविधाएं :दुर्ग जिले में छह नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खुलेंगे. शासन ने दावा किया है कि इनमें प्राइवेट स्कूलों की तरह सुविधाएं होंगी. प्रिंसिपल का कहना है कि ''आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है. ये एक बहुत अच्छी पहल है. इससे गरीब बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल रही है.''

गरीब बच्चों के लिए वरदान : स्कूल में प्रवेश लेने के लिए अब भी बच्चे आ रहे हैं. आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल गरीब बच्चे और मध्यम वर्गीय परिवार के लिए वरदान साबित हुआ है. प्राइवेट स्कूल में लाखों रुपए फीस होती है. ऐसे में एक गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार लाखों रुपए देकर बच्चों को नहीं पढ़ा सकता.

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प्रशासन ने ली है जिम्मेदारी :दुर्गकलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे (Collector Dr Sarveshwar Narendra Bhure) ने कहा कि ''जिले में 16 से ज्यादा आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित हैं, जिसमें लगभग 7000 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. जिस तरह से स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. उसके अनुरूप यहां भी काम करें ताकि यह स्कूल हर मायने में बेहतर मानदंड स्थापित करे. यदि अतिरिक्त कक्षों की आवश्यकता होती है तो इसके लिए प्लान करें. बच्चों के प्लेग्राउंड, स्पोट्र्स कार्नर के लिए भी काम करें ताकि बच्चों के व्यक्तित्व का समग्र विकास हो सके. इसके अलावा बड़ी कक्षाओं वाले छात्र-छात्राओं के लिए साइंस लैब की बेहतर व्यवस्था भी होनी चाहिए.''

Last Updated : Jun 5, 2022, 10:56 AM IST

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