बिलासपुर : प्रधानमंत्री के खेलों के प्रति रुझान और खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफार्म उपलब्ध कराने, खेलो इंडिया स्पर्धा का आयोजन शुरू किया है. आगामी 4 जून से 13 जून तक हरियाणा में खेलो इंडिया का आयोजन किया जा रहा है. पंचकूला हरियाणा में खेलो इंडिया में शामिल किए गए सभी खेलो की स्पर्धाएं होंगी. इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ियों का चयन हुआ है. ये खिलाड़ी थांगता गेम का प्रदर्शन करेंगे. पंचकूला हरियाणा में खेलो इंडिया के तहत कई खेलों का आयोजन (The event will be held in Panchkula, Haryana) होगा, जिसमे प्रदेश के खिलाड़ी मणिपुर के परंपरागत खेल थांगता खेल का प्रतियोगिता में प्रदर्शन करेंगे.
कितने खिलाड़ियों का हुआ चयन :देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इंटरनेशनल प्लेटफार्म पर भारत के खिलाड़ियों को पहुंचाने और उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए खेलो इंडिया की शुरुआत की है. खेलो इंडिया के प्रति खिलाड़ियों का उत्साह नजर आ रहा है. खेलो इंडिया के तहत हरियाणा के पंचकूला में खेलो इंडिया प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ियों का चयन हुआ है. यह चयन थांगता गेम खेलने वाले तीनों खिलाड़ी का चयन किया गया है. जिसमें वह अपने बेहतर प्रदर्शन के माध्यम से स्पर्धा को जीतने का प्रयास करेंगे.
खेलो इंडिया में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ियों का चयन
कौन-कौन जाएगा पंचकूला : बिलासपुर में रहने वाले शेख अरबाज और रिमझिम गुप्ता, रायपुर के शेखर का खेलो इंडिया में चयन हुआ है. इन सभी का कहना है कि जब उनका इस खेल में खेलो इंडिया के लिए सलेक्शन हुआ तो उन्हें काफी खुशी हुई. वे इस खेल को आगे खेलकर मेडल लाने की बात कहते हुए बोले, कि ''इस खेल को छत्तीसगढ़ में कोई जानता नही है. अब वो मेडल लेकर प्रदेशवासियों का थांगता से परिचय करवाना चाहते (Players will perform in the game of Thangata) हैं, ताकि यहां के खिलाड़ी प्रेरित होकर इस खेल को खेले. शेख अरबाज के साथ ही इस खेल में शेखर और महिला वर्ग में रिमझिम गुप्ता का चयन हुआ है. रिमझिम ने बताया कि वो इतना मेहनत कर रही है और वो अपना बेहतर प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल लेकर प्रदेश का नाम रौशन करना चाहती है.
क्या है थांगता :थांगता के विषय में बहुत कम लोग ही जानते हैं. इस खेल को खेलने के लिए खिलाड़ी पूरे वेशभूषा के साथ तैयार रहते हैं. इस खेल में तलवार और ढाल का उपयोग किया जाता है, जिसे लकड़ी से तैयार किया जाता है. इस तलवार को चमड़े का कवर लगाया जाता है. खिलाड़ी एक हाथ से लकड़ी से बनी तलवार और दूसरे हाथ पर गद्दीदार ढाल रखते हैं. युद्ध में जिस तरह तलवारबाजी की जाती है, उसी तरह इस थांगता खेल खेला जाता (There are many similarities between Thangata and Fencing) है.
कितना पुराना है खेल :थांगता खेल सदियों पुरानी बताई जाती है. जिस समय अंग्रेज भारत में आक्रमण कर भारतीयों से युद्ध कर जीत रहे थे. उस समय थांगता की उत्पत्ति मणिपुर में हुई. मणिपुर के लोग तलवार और ढाल से युद्ध कला के माध्यम से अंग्रेजों पर वार करते थे.कई युद्ध में उनकी जीत भी होती रही. यह खेल सदियों से मणिपुर में खेला जाता है.अब यह वहां की परंपरागत खेलों में शामिल हो गया है. मणिपुर में इसे बड़ी संख्या में खिलाड़ी खेलते हैं. इस खेल के माध्यम से वे अपनी युद्ध कला के साथ शारीरिक दक्षता बढ़ाते है.