बिलासपुर : गुरु घासीदास सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी (Guru ghasidas Central University Bilaspur ) में जल्द ही बीएड पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी. सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में सर्टिफिकेट हासिल करने वाले बीएड पासआउट स्टूडेंट देश के किसी भी राज्य में टीचर बन सकते हैं. वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी से कोर्स करने में 5 के बदले सिर्फ 4 ही साल लगेंगे. जिससे छात्रों का 1 साल भी खराब होने से बच जाएगा.
बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में होगी बीएड की पढ़ाई सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कई तरह के कोर्स :बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी कई फैकल्टी संचालित करता है. साथ ही अब यहां कई तरह के शोध भी हो रहे हैं. जीजीडीसीयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नए पाठ्यक्रम शुरू हो रहे हैं. सेंट्रल यूनिवर्सिटी इस बार शिक्षा मंत्रालय द्वारा चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) को अधिसूचित किया गया है, जो एक दोहरी प्रमुख समग्र स्नातक डिग्री है. ये डिग्री बी.ए. बी.एड./ बी.एससी. बी.एड./और बी.कॉम. बी.एड. विधाओ में (B Ed in Bilaspur Central University ) मिलेगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कार्यक्रम : यह कार्यक्रम शिक्षक शिक्षा से संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख आदेशों में से एक है. NEP 2020 के अनुसार, वर्ष 2030 से शिक्षक शिक्षा केवल आईटीईपी के माध्यम से होगी. इसे शुरूआत में देश भर के लगभग 50 चयनित बहु-विषयक संस्थानों विशेषकर केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में पायलट मोड में पेश किया जाएगा. इसी के तहत गुरु घासीदास विश्वविद्यालय सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने चार वर्षीय आईटीईपी की एक इकाई बीएड संकाय में सत्र 2023-24 प्रारंभ करने का प्रस्ताव बनाया था.
गुरुघासीदास यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव हुआ स्वीकृत : ये प्रस्ताव गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की स्टैंडिंग कमेटी से स्वीकृत हो गया है. अब शिक्षा विभाग इस पाठ्यक्रम को शुरु करने के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगवा रहा है. बीएड पाठ्यक्रम को सेंट्रल यूनिवर्सिटी से करने वाले स्टूडेंट्स को देश के किसी भी राज्य में टीचरशिप करने का मौका मिलेगा. 12वीं के बाद इस पाठ्यक्रम को किया जा सकेगा. जिसमें 5 वर्ष की जगह 4 वर्ष का समय लगेगा और 1 वर्ष की बचत भी होगी.