बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर राज्य के महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने गहरा दुख प्रकट किया है. उन्होंने स्वर्गीय अजीत जोगी को छत्तीसगढ़ राज्य का सपूत बताते हुए उनके निधन से आहत होने की बात कही. वहीं उन्होंने अजीत जोगी के साथ मुलाकात के लम्हों को भी याद किया.
महाधिवक्ता ने अजीत जोगी को बताया जिंदादिल इंसान महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने बताया कि अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के लिए सोच रखने वाले व्यक्ति थे. उनकी मुलाकात जोगी से न्यायालय परिसर में ही होती थी. महाधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने अजीत जोगी के खिलाफ कई केस लड़े हैं, लेकिन जब भी उनसे आमना-सामना होता था तो अजीत जोगी उनसे बड़े ही जिंदादिली से मुलाकात किया करते थे.
महाधिवक्ता ने की अजीत जोगी की तारीफ
उन्होंने अजीत जोगी की विद्वता, जीवटता, साहस और संघर्ष की तारीफ की. साथ ही एक वाक्या जिसे वे अक्सर याद करते हैं. इसका जिक्र करते हुए बताया कि 'ये उस वक्त की बात है जब वह कवासी लखमा की चुनाव याचिका में पैरवी कर रहे थे. इस दौरान कवासी लखमा ने अजीत जोगी से फोन पर कराई थी. अजीत जोगी अंग्रेजी में बात कर रहे थे, तब मैंने उनसे छत्तीसगढ़ी में बात करने का आग्रह किया था. फिर जब उन्हें पता चला कि मैं छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हूं और छत्तीसगढ़ी भाषा बखूबी जानता हूं तो वे काफी खुश हुए'.
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बता दें कि अजीत जोगी के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है. अजीत जोगी को कार्डियक अरेस्ट आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां 20 दिन तक उनका इलाज चला, लेकिन अजीत जोगी का 20वें दिन निधन हो गया. उनके निधन पर सभी राजनेताओं ने गहरा शोक जताया.