बगहा: इस वैज्ञानिक युग में भी कोरोना महामारी को भगाने के लिए पूजा-पाठ का सहारा लिया जा रहा हैं. ग्रामीण देवी मइया की पूजा कर रहे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि प्रशासन और डॉक्टर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. ऐसे ही ग्रामीण भी ईश्वर की आराधना कर इस महामारी से निजात दिलाने की मन्नत मांग रहे हैं.
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भगवान के शरण में ग्रामीण
जिले के कई गांवों में लोग कोरोना महामारी से आए संकट से उबरने के लिए ईश्वर की शरण में पहुंच रहे हैं. वे गांव के बाहर खेतों में 'कोरोना मईया' की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. बगहा के मंगलपुर, बांसगांव समेत कई गांवों की माहिलाएं सुबह-सुबह गांव से बाहर जाकर तकरीबन एक घण्टे देवी मां के गीत गाती हैं. फिर उन्हें जल अर्पित कर कपूर जला कोरोना महामारी को देश से भगाने की मन्नतें मांगती हैं.
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9 दिनों से की जा रही है पूजा
दरअसल, कोरोना महामारी को भगाने के लिए महिलाओं की यह पूजा 9 दिनों से चल रही है. मंगलवार को इसका समापन था और इस दिन गांव के प्रत्येक घर से एक एक माहिलाएं पूजा-अर्चना करने पहुंची थी. महिलाओं का कहना है कि देवी देवताओं की शरण मे जाकर ही इस संकट से उबरा जा सकता है. लिहाजा सुबह-सुबह नौ दिनों तक इन महिलाओं ने गांव के बाहर खेत में पूजा की.
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कोरोना पर भारी लोगों का अंधविश्वास
ईटीवी भारत किसी तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है और ना ही इस तरह के बातों से कोरोना के भगाने की पुष्टि ही करता है. लेकिन जिस तरह से लोगों ने कोरोना पर विजय के लिए आस्था का सहारा लिया है. उससे साफ जाहिर है कि लोगों को विश्वास है कि पूजा-अर्चना से इस महामारी को भगाया जा सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं और ग्रामीण अपना तरीका अपना रहे हैं.