बगहा: सूर्योपासना के महापर्व छठ पर्व (Chhath Puja 2021) का आज तीसरा दिन है. आज छठ व्रती महिलाएं (Chhath Fasting Women in Bagaha) डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी. इसको लेकर अहले सुबह से छठव्रती महिलाएं प्रसाद बनाने में जुटी हैं. छठ महापर्व पर अर्घ्य के समय गुड़ और आटे का बना हुआ ठेकुआ चढ़ाया जाता है, जिसकी तैयारियों में व्रती जुटी हुई हैं.
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नहाय-खाय के साथ शुरू हुए चार दिवसीय आस्था व उपासना के महापर्व छठ की तैयारियों में छठव्रती महिलाएं सुबह से ही जुटी हुई हैं. मंगलवार की शाम खरना का प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही 24 घंटे का निर्जला उपवास शुरू है, जो कल सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ समाप्त हो जाएगा.
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दरअसल, चार दिनों तक व्रती प्रकृति की भक्ति भाव से पूजन करते हैं और संध्योपासना के अर्घ्य के लिए ठेकुआ बनाते हैं. नतीजतन आज सभी व्रतियों के यहां गुड़ और आटे का ठेकुआ बन रहा है. बता दें कि छठ एक ऐसा पर्व है जिसमें शुद्धिकरण का काफी ख्याल रखा जाता है और महिलाएं छठ का पारंपरिक गीत गाते हुए प्रसाद बनाती हैं. अमूमन यह अधिकांश घरों में पर्व होता है. यहां तक कि विदेशों में भी इस छठ महापर्व को अब काफी धूमधाम से मनाया जाता है.
बता दें कि इंडो नेपाल बॉर्डर पर भी छठ महापर्व की जोरदार तैयारियां की गई है. भारत और नेपाल की सीमा से गुजरने वाली नारायणी गंडक के दोनों तट पर भारत और नेपाल के लोग छठ पूजा करने पहुंचते हैं. बगहा में भी गंडक किनारे दर्जनों छठ घाट बनकर तैयार हैं और सभी जगह सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किये गए हैं. सभी छठ घाटों पर मेडिकल टीम समेत एनडीआरएफ की टीम की तैनाती हुई है.
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