हाजीपुर से एक पैर पर 100 किमी दूर मुजफ्फरपुर बाबा गरीबनाथ धाम पैदल जाएगी राजनंदिनी वैशालीः बिहार के वैशाली में भाई बहन का अटूट प्रेम देखने को मिला. बिहार के हाजीपुर की राजनंदिनी कंवर एक पैर से दिव्यांग है, वह एक ही पैर से पैदल मुजफ्फरपुर बाबा गरीबनाथ धाम (Muzaffarpur Baba Garibnath Dham) जा रही है. दरअसल, राजनंदिनी कंवर ने अपने भाई के ऑपरेशन के लिए भगवान शिव से मन्नत मांगी थी. कहा कि भाई का सफल ऑपरेशन हो जाएगा और स्वस्थ हो जाएगा तो वह एक पैर से पैदल बाबा नगरी जाएंगी.
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राजनंदिनी कंवर के साथ-साथ उनके पिता सुभाष कुमार भी जा रहे हैं. राजनंदिनी कंवर मूल रूप से हाजीपुर (Rajnandini Kanwar Hajipur) के लालपोखर दिग्घी की रहनेवाली की रहने वाली है. उसने बताया कि उसने भाई के लिए मन्नत मांगी थी. उसने कहा कि उसके भाई का हर्ट का सफल ऑपरेशन हो गया है. भोलेनाथ ने उनकी मनोकामना पूर्ण कर दी है. इसलिए वह एक ही पैर से पैदल कांवर लेकर जलाभिषेक के लिए जा रही है.
"मेरा भाई का ऑपरेशन हुआ था तो मैंने मन्नत मांगी थी कि भाई ठीक हो जाएगा तो मैं भोले बाबा का दरबार जाऊंगी. वह ठीक हो गया है तो पहलेजा से जल उठा कर गरीबस्थान जा रहे है. मेरे भाई का ऑपरेशन हुआ था, उसी के लिए मन्नत मांगे थे. अब ठीक हो गया तो जल चढ़ाने जा रहे हैं"- राजनंदिनी कंवर, दिव्यांग बच्ची.
राजनंदिनी कंवर के भाई का हृदय रोग का ऑपरेशन हुआ था उसी समय, उसने बाबा गरीबनाथ से मन्नत मांगी थी. राजनंदिनी कंवर एक ही पैर पर खड़े होकर सावन में बोल बम और डाक बम जाने वाले लोगों की सेवा करती थी. आज खुद बाबा नगरी के लिए रवाना हो गई है. मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच 22 के गौरोल में मुख्य पथ पर रविवार को बाबा नगरी जाते मिली. इस दौरान उसने ईटीवी भारत से बातचीत की. राजनंदनी के पिता सुभाष कुमार भी बाबा नगरी जा रहे हैं.
"मेरी बच्ची मनौती मांगी थी कि मेरा भैया ठीक हो जाएगा तो बोल बम जाएंगे. 3 सालों से डाक व बोल बम का सेवा कर रहे थे. इस बार मौका मिला है तो बेटी मेरी बोली की पापा हम भी चलते हैं. मेरी बेटी ने कहा कि भगवान एक पैर दिए तो क्या हम नहीं जा पाएंगे? बेटी का हौसला देखकर हमलोग बाबा नगरी के लिए रवाना हो गए हैं."-सुभाष कुमार, राजनंदिनी कंवर के पिता