वैशाली: जिले में विगत दिनों हुई हुई जोरदार बारिश ने शहरवासियों की मुसीबतें काफी बढ़ा दी है. हाजीपुर में अब भी जलजमाव है. जिस वजह से डेंगू और अन्य बीमारियों का खतरा मंडरने लगा है. स्थानीय लोगों के अनुसार इलाके में 4 लोगों की जान डेंगू की वजह से जा चुकी है.
100 से अधिक लोग डेंगू से पीड़ित
इस मामले पर डेंगू से पीड़ित मो. आसिफ और मो. मुस्ताज का कहना है कि नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले जढूआ इलाके वॉर्ड संख्या 36 में अभी तक वर्षा का पानी जमा हुआ है. जिस वजह से लोगों के बीच त्राहिमाम मचा हुआ है. वहीं,स्थानीय वॉर्ड पार्षद जावेद अंसारी का कहना है कि छह हजार की आबादी वाले इस वॉर्ड में लगभग 100 से अधिक लोग डेंगू , मलेरिया और मियादी बुखार की चपेट में हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मसले पर कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
प्रशासन पर अनदेखी का आरोप
इलाके के लोगों का कहना है कि इस वॉर्ड में अभी तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन प्रशासन की नींद नहीं टूटी है. एक पखवाड़े से लोग त्राहिमाम की स्थिति में है. प्रशासन की अनदेखी के कारण इस घातक बीमारी से पीड़ित लोग निजी नर्सिंग होम में अपना इलाज करवा रहे हैं और प्रशासन मौन है. वहीं, इस मामले पर जिले के सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन ने बताया कि इलाके में डेंगू जरूर फैला हुआ है, लेकिन स्थिति कंट्रोल में है. लोगों को हर संभव सरकारी सुविधा मुहैया कराई जा रही है .
बिहार में अबतक डेंगू के 980 मरीज
जलजमाव के चलते पटना में मच्छरों की संख्या बहुत बढ़ गई है. डेंगू ने अबतक राजधानी के 640 लोगों को अपनी चपेट में लिया है. अगर राज्य की बात की जाए तो बिहार में अब तक डेंगू के 980 मरीज मिले हैं. हालांकि, विभाग ने कहा है कि जिन इलाकों में पानी जमा है, वहां सघन फॉगिंग की जा रही है. साथ ही सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों को डेंगू के इलाज के लिए सतर्क रहने को कहा गया है.
वॉर्ड पार्षद जावेद अंसारी जलजमाव से 2 लाख 25 हजार लोग प्रभावित
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया था कि संकट का मुकाबला करने के लिए केंद्र ने अपने संसाधनों को लगाया है. जिला मजिस्ट्रेट कुमार रवि ने बताया कि जलजमाव के कारण लगभग 2 लाख 25 हजार लोग प्रभावित हुए हैं.
क्या है डेंगू ?
डेंगू एक ऐसी बीमारी हैं, जो एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है. इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते बनने शुरू हो जाते हैं. इसमें मरीज के शरीर में दर्द बहुत ज्यादा होता है, इसलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है. बारिश के मौसम में यह बीमारी आम हो जाती है.
डेंगू बुखार के लक्षण
त्वचा पर चकत्ते आना, आंखों में दर्द होना, ठंड लगना और फिर तेज बुखार चढ़ना. सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द तेज होना, कमजोरी लगना, भूख न लगना और मुंह का स्वाद खराब होना ये इसके लक्षण हैं.
डेंगू से कैसे करें बचाव:
- अगर आपको जरा भी लगे कि आपको बुखार है तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें
- डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल ले सकते हैं
- अत्याधिक गर्मी में ज्यादा देर रहने से बचें
- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
- 102 डिग्री बुखार से ज्यादा है तो शरीर पर पानी की पट्टियां रखें
- ऐसे कपड़े पहने, जिससे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढका रहे
- अपने आस-पास खुला साफ पानी एकत्रित न होने दें
- डेंगू का मच्छर गंदे पानी की बजाय साफ और ठहरे पानी में पनपता है
- खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं. अपने आस-पास सफाई बनाएं रखें
- प्लेटलेट्स लगातार जांच कराते रहें. खाने-पीने का पूरा ध्यान रखें
क्या न करें :
- जहां पर पानी इकट्ठा हो वहां पर बच्चों को खेलने न दें
- ऐसे इलाकों में जाने से बचें जहां गंदगी हो
- बेकार पड़ी चीजों में पानी न इकट्ठा होने दें
अपना सकते हैं ये घरेलू उपाय:
- डेंगू के बुखार से राहत पाने के लिए नारियल पानी खूब पीएं
- पपीते के पत्ते भी काफी असरदार हैं, इसका जूस पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं
- तुलसी के पत्तों और दो ग्राम काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है
- गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है. यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है