वैशाली: बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ में अब दस दिन से भी कम का समय बचा है. वैशाली में गंगा और गंडक संगम स्थल (Ganga and Gandak Sangam at Vaishali) कोनहारा घाट पर महापर्व छठ करना इस बार मुश्किल हो सकता है. गंडक बराज से छोड़े गए पानी का कम होना शुरू हो गया है, लेकिन सभी घाटों पर खतरनाक दलदल बन चुका है. जो छठव्रतियों के लिए खतरनाक हो सकता है.
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18 छठ घाट की स्थिति: गंडक और गंगा के संगम पर स्थित हाजीपुर के कोनहारा घाट पर छठ करना हर कोई चाहता है. यही वजह है कि हर साल पांच लाख से अधिक लोग यहां छठ करने पहुंचते है लेकिन कोनहारा घाट से लेकर सीढ़ी घाट तक स्थित 18 छठ घाट की स्थिती दयनीय है. जिसके कारण लाखो लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. दरअसल गंडक बराज द्वारा छोड़े गए पानी के कारण गंडक का जलस्तर काफी बढ़ गया है हालांकि विगत एक सप्ताह में पानी तो घटा है लेकिन पानी घटने के साथ ही घाट पर भारी दलदल हो गया जिसपर खड़ा होना भी मुश्किल है.
छठव्रतियों की बढ़ी मुसीबत:दलदल की स्थिती उत्पन्न होने के बाद घाट पर खड़े होकर छठ करना छठव्रतियों के लिए जोखिम और परेशानी का सबब बन सकता है. दूसरी तरफ नगर परिषद और जिला प्रशासन लगातार छठ घाटों को तैयार कर लेने का दावा कर रही है लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हो सका है. इन कारणों की वजह से समय पर घाट तैयार होने की संभावना कम ही है. स्थानीय संजय कुमार बताते हैं कि यहां पर दलदल बना हुआ है. बता दें कि जितना पानी घटेगा दलदल और बढ़ेगा. यहां पटना से लेकर कई जगहों से लोग आते हैं.