सिवानःबिहार के सिवान में बड़हरिया के पूर्व जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने एक बार फिर शराबबंदी पर संशोधन की मांग (EX MLA demanded amendment in liquor ban) की है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शराबबंदी पर विचार करने की जरूरत है. यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह ने इस तरह की मांग की हो. एक तरफ जहां नीतीश कुमार इस पर कड़ाई से लागू कर रहे हैं. वहीं श्याम बहादुर सिंह पर विचार करने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद एक फिर शराब पर बयान देकर श्याम बहादुर सिंह चर्चा में आ गये हैं.
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पियक्कड़ सम्मेलन पर भी दे चुके हैं बयानः गौरतलब हो कि श्याम बहादुर सिंह इस के पहले भी मीडिया के सामने बयान दिये थे कि वह जल्द ही पियक्कड़ सम्मेलन कराएंगे. उन्होंने कहा था कि सिवान स्थित गांधी मैदान में पियक्कड़ सम्मेलन (Piyakad Sammelan In Siwan) होने वाला है. यहां इस बात पर चर्चा होगी कि कितने लोग दारू पीने वाले हैं और कितने लोग नहीं है. इतना ही नहीं इस सम्मेलन में लोगों को शराब भी परोसी जाएगी. इसके बाद से श्यामबहादुर सिंह काफी चर्चा में रहे थे. इसके बाद नीतीश कुमार की काफी किरकिरी भी हुई थी.
"बिहार में शराबबंदी कानून में संशोधन किया जाना चाहिए. इस मुद्दे पर विचार जरूर किया जाना चाहिए. यह बहुत जरूरी है. मैंने तो कहा था कि एक पियक्कड़ सम्मेलन करवा लिया जाए. फिर पता चल जाएगा कि कितने लोग शराब पीने वाले हैं और कितने लोग नहीं"- श्याम बहादुर सिंह, पूर्व विधायक, बड़हरिया
बिहार में पूरी तरह से बंद है शराबः बिहार में 2016 से शराब पर पूरी तरह से पाबंदी है. यहां शराब की खरीद और बिक्री व सेवन पर पाबन्दी है. इसको लेकर नीतीश सरकार और कड़ाई से लागू करने के लिए बीच-बीच में नए-नए आदेश भी पारित करती रही है. इसको लेकर बहुत से लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. और लाखों मुकदमे व्यवहार न्यायालय में चल रहे हैं. गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में पहली बार शराब पीने के अपराध में 3075 अभियुक्तों को पकड़ा गया. जिनसे करीब 52 लाख 26 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया. वहीं, मई में 5887 लोगो की गिरफ्तारी की गई है. और 1.39 करोड़ की वसूली की गई है. वहीं, जून में 8651 गिरफ्तारी, 2.06 करोड़ वसूली, जुलाई में 11,557 गिरफ्तारी, 2.90 करोड़ वसूली, अगस्त में 18,757 गिरफ्तारी, 5.63 करोड़ वसूली, सितंबर 20,690 गिरफ्तारी, 5.03 करोड़ वसूली की गई है. इसके अलावा संशोधन कानून से पहले दर्ज मामलों में 3559 अभियुक्तों को भी धारा 37 के तहत दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ा गया है.