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यूक्रेन में फंसे हैं सीतामढ़ी के 3 छात्र, परिजनों ने सरकार से सकुशल वापसी की लगाई गुहार

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Published : Feb 26, 2022, 2:20 PM IST

यूक्रेन और रूस युद्ध के मैदान में आमने-सामने है. ऐसे में यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे बिहार के छात्रों (Bihar Students In Ukraine) के परिजनों की चिंता काफी बढ़ गई है. बिहार के सीतामढ़ी के भी तीन छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. सभी छात्र हॉस्टल के नीचे बने बंकर में छिपे हैं. छात्रों के परिजनों ने सरकार से उनके वापसी की गुहार लगाई है. पढ़िए पूरी खबर..

यूक्रेन में फंसे सीतामढ़ी के तीन छात्र
यूक्रेन में फंसे सीतामढ़ी के तीन छात्र

सीतामढ़ी: रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine War) के बीच लगातार तीन दिनों से जंग जारी है. ऐसे में भारतीय मूल के हजारों छात्र यूक्रेनमें (Indian Student Stranded In Ukraine) फंसे हैं. भारत सरकार लगातार छात्रों की सकुशल वापसी को लेकर कोशिश कर रही है. हजारों छात्रों को अब तक भारत ने सकुशल देश लाया भी है, लेकिन अभी भी हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. वहीं, सीतामढ़ी के तीन छात्र भी यूक्रेन में (Three Student Of Sitamarhi Stranded In Ukraine) फंसे हैं. सीतामढ़ी के बोखरा प्रखंड के 2 छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे हैं, तो एक छात्र पश्चिमी यूक्रेन में है. हालांकि, शुक्रवार देर शाम बोखरा प्रखंड के दोनों छात्रों ने अपने परिजनों से बात की और हॉस्टल के नीचे बने बंकर में छिपे होने की जानकारी दी.

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बता दें कि, बोखरा प्रखंड के गोरौल शरीफ गांव निवासी पूर्व प्रमुख हुकुमदेव नारायण यादव और शोभा यादव की पुत्री कुमारी संजना यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही है. परिजनों के अनुसार 5 मार्च को फ्लाइट से संजना की भारत वापस लौटने की उम्मीद है. संजना ने अपने माता-पिता को फोन पर बताया कि, वो छात्रावास के नीचे बने बंकर में सुरक्षित है वहां का तापमान 4 डिग्री है. उनके पास एक सप्ताह के लिए खाने पीने का सामान है. वहीं, पोखरा प्रखंड के भाउर गांव निवासी नागेंद्र शाह के पुत्र रमेश कुमार भी यूक्रेन में फंसे हैं. रमेश कुमार की भी लगातार अपने परिजनों से मोबाइल के जरिए बात हो रही है. बोखरा प्रखंड के दोनों छात्रों ने अपने परिजनों को बताया कि, वहां लगातार बमबारी की आवाज सुनाई दे रही है और बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दिया गया है. वो लगातार भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं.

वहीं, डॉक्टर हनुमान शरण का पुत्र जितेश जिगर भी यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. वो पश्चिमी यूक्रेन के लवीव में रहता है. जितेश जिगर डुमरा प्रखंड के नारायणपुर गांव निवासी डॉक्टर हनुमान शरण सिंह का पुत्र है. डॉ सिंह ने जितेश से हुई बातचीत के आधार पर बताया कि, फिलहाल पूर्वी यूक्रेन युद्ध में ज्यादा प्रभावित है लेकिन पश्चिमी यूक्रेन में फिलहाल युद्ध का कोई असर नहीं है. वहां के लोग सामान्य दिनों की तरह रह रहे हैं. बाजार, स्कूल और कॉलेज में खुले हैं. उन्होंने बताया कि, 27 फरवरी के लिए जितेश ने फ्लाइट की टिकट बुकिंग की कोशिश की, लेकिन 13 मार्च का टिकट बुक हुआ है. अब वो 13 मार्च को अपने वतन लौटेगा. डॉ सिंह ने सरकार से अपने पुत्र के सकुशल देश वापसी की मांग की.

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