सीतामढ़ी: यूक्रेन और रूस में जंग जारी है. इसी बीच भारतीय मूल के सैकड़ों छात्र जो यूक्रेन (Stucked Student in Ukraine) में पढ़ाई कर रहे हैं, वहां फंसे हुए हैं. हालांकि भारत सरकार (Indian government) लगातार छात्र-छात्राओं को यूक्रेन से निकालने में लगी है. इधर बीती देर रात यूक्रेन में फंसे जिले के परिहार प्रखंड स्थित शिवनगर बेला निवासी मुकेश चौधरी के पुत्र राहुल कुमार जैसे ही घर पहुंचे, अपनी जन्म धरती को नमन करते हुए तिलक लगाया. राहुल की आंखों में आंसू छलक रहे थे. उन्होंने कहा कि ये अपनों से मिलने के बाद खुशी के आंसू हैं.
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राहुल ने कहा कि साल 2018 में वो मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन के चेनिवक्सी गए थे. जफरोजिया स्टेट ऑफ मेडिकल यूनिवर्सिटी में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने लगे, तब से घर नहीं लौटे थे. 22 फरवरी की बात है, जब युद्ध शुरू होने की स्थिति में वहां से करीब 200 किलोमीटर दूर बम के धमाके हो रहे थे. हम लोग डरे सहमे थे. हम लोगों को बंकर में रखा गया था. उन्होंने कहा कि खाने-पीने के लिए साथ में लाए गए फास्ट फूड का ही सहारा था. वहां और भी भारतीय फंसे थे. हमलोगों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया. दूतावास से मैसेज दिया जा रहा था, भारत सरकार से निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. दूतावास की ओर से ऑनलाइन फॉर्म भी भरवाए गए और 24 फरवरी को मैसेज मिला कि आपलोग तैयार रहें.