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Chapra News : बालू पर गढ़ी चंद्रयान-3 की सफलता की तस्वीर, सैंड आर्ट के माध्यम से दी बधाई

छपरा में सरयू नदी किनारे सैंडआर्ट बनाकर कलाकार अशोक ने किनारे चंद्रयान मिशन की सफलता पर बधाई दी. जब पूरा देश इस सफलता पर जश्न मना रहा है तो छपरा के कलाकार अशोक कुमार भी अपने तरीके से खुशी के इस पल में शामिल हुए. पढ़ें पूरी खबर..

बालू से बनाई गई चंद्रयान की कलाकृति
बालू से बनाई गई चंद्रयान की कलाकृति

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 24, 2023, 9:40 PM IST

छपरा :बिहार के छपरा में सैंड आर्ट बनाकर चंद्रयान-3 की सफलता की शुभकामनाएं दी गई. जब खुशी के इस क्षण का पूरा देश अपनी-अपनी तरह से जश्न मना रहा है, तो भला छपरा के सैंड आर्टिस्ट अशोक कहां पीछे रहने वाले थे. इन्होंने भी अपनी कला के माध्यम से बालू से चंद्रयान-3 अभियान की कालकृति बनाकर इसरो के महान वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी. साथ ही साथ पूरे देशवासियों को शुभकामनाएं दी.

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चंद्रयान-3 की सफलता पर सैंड आर्ट बनाकर दी बधाई : बिहार के जाने-माने सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार ने चंद्रयान मिशन की सफलता पर अपने हाथों के हुनर से चंद्रयान की आकर्षक कलाकृति बनाई है. घंटों की मेहनत के बाद चंद्रयान-3 की आकृति बालू पर उकेरी जा सकी. अशोक ने सरयू नदी के किनारे बालू से इस कलाकृति का निर्माण किया है और यह अपने आप में एक अनूठी कलाकृति है. गौरतलब हो कि सारण के रहने वाले अशोक एक से एक बढ़कर आकर्षक कलाकृतियों का निर्माण करते हैं.

बिहार के सुरदर्शन पटनायक हैं अशोक : सारण के रहने वाले अशोक को बिहार का सुदर्शन पटनायक कहा जाता है. वह अक्सर अलग-अलग महत्वपूर्ण मौकों पर इसे यादगार बनाने के लिए उस वाकये या उपलब्धि से जुड़ी कलाकृति बालू पर गढ़ते हैं. चाहे वह किसी का जन्मदिवस हो, कोई खास दिन हो, कोई वर्षगांठ हो, कोई ऐतिहासिक क्षण, हर मौके पर अशोक ने अपने हुनर का जलवा दिखया है. वह हमेशा सरयू नदी के किनारे ही बालू पर कलाकृतियों का निर्माण करते हैं.

कलाकृति बनाने में लगता है घंटों मेहनत : बालू से कलाकृति बनाने वाले अशोक बिहार के एकमात्र सैंड आर्टिस्ट हैं. इसके साथ ही अशोक और उनके साथी इस कलाकृति को बनाने में घंटे मेहनत करते हैं. पहले वह शौकिया तौर पर कलाकृतियां बनाते थे, लेकिन अब यह उनका पेशा हो गया है और वह एक से एक बढ़कर आकर्षक कलाकृति बनाते रहते हैं. वे एक कलाकार के साथ-साथ अच्छे गोताखोर और तैराक भी हैं. 26 जनवरी और 15अगस्त को सरयू नदी के गहरे पानी में पचास फिट का तिरंगा भी फहराते हैं.

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