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छपरा: कंप्यूटर के CPU में शराब भरकर कर रहा था तस्करी, पुलिस ने टीचर को रंगे हाथ दबोचा

छपरा में पुलिस ने शराब बरामद किया (Police Recovered Liquor in Chapra) है. मिली जानकारी के अनुसार एक प्राइवेट शिक्षक यूपी से CPU में भरकर शराब लाता था. पुलिस इसे कई दिनों से रंगे हाथ पकड़ने में लगी था. गुरुवार को पुलिस को जैसे ही सूचना मिली कि धंधेबाज टीचर शराब लेकर आ रहे हैं. वैसे ही पुलिस उसे शराब के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया.

छपरा में कंप्यूटर के CPU में शराब की तस्करी
छपरा में कंप्यूटर के CPU में शराब की तस्करी

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Published : Jun 2, 2022, 10:26 PM IST

छपरा:बिहार के सारण में शराब तस्करी (Liquor Smuggling in Saran) का अनोखा मामला सामने आया है. जिले के पानापुर थाना क्षेत्र के महम्मदपुर गांव में छापेमारी कर पुलिस ने कम्प्यूटर के सीपीयू के अंदर अंग्रेजी शराब ले कर आते हुए एक निजी स्कूल के शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, शिक्षक की बाइक की सीट के नीचे से भी भारी मात्रा में शराब बरामद की गई है. गिरफ्तार शिक्षक थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर गांव निवासी भगवान सिंह का पुत्र जयराम कुमार है. वो महम्मदपुर गांव में गुरूकुल इंटरनेशनल स्कूल का संचालक था.

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CPU बना शराब तस्करी का जरिया:शिक्षक जयराम कुमार ने बताया कि बाइक के अंदर विशेष तहखाना बनाकर और कंप्यूटर के सीपीयू में यूपी से शराब लेकर आता था. इस बात की भनक पुलिस को लग गई. पानापुर पुलिस कई बार उसे रंगे हाथों पकड़ने का प्रयास कर चुकी थी, लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देकर भाग जाता था. पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि वह शराब लाने के लिए यूपी गया है. तभी से पुलिस उसके फिराक में थी और गुरुवार को जैसे ही वह शराब से भरी बाइक और कंप्यूटर के सीपीयू को लेकर अपने स्कूल पहुंचा. पुलिस ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

शराब के साथ टीचर गिरफ्तार:मिली जानकारी के अनुसारतस्कर के पास से पुलिस ने कंप्यूटर के सीपीयू से एवं उसके मोटरसाइकिल की सीट के नीचे से शराब बरामद किया है. थानाध्यक्ष विकास कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर धंधेबाज शिक्षक को जेल भेजा जा रहा है. गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू किया गया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

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