सारण: जिले के राजेंद्र कॉलेज परिसर में दो दिवसीय नियोजन सह मार्गदर्शन मेले का आयोजन किया गया. जिसका विधिवत उद्घाटन महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, स्थानीय विधायक डॉ सीएन गुप्ता, बिहार नियोजनालय के निदेशक धर्मेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
'नियोजन के साथ-साथ बेरोजगारों को मिल रहा मार्गदर्शन'
इस दौरान भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि मेले में लगभग 15 कंपनियां आई हुई हैं. इस मेले के माध्यम से युवाओं को नियोजन के साथ-साथ मार्गदर्शन भी कराया जा रहा है. वहीं, इस मेले में नियोजन न पाने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि जिनका नियोजन नहीं हो पाया वैसे युवा निराश न हों. सरकार के स्किल डेवलपमेंट योजना का लाभ उठाकर आने वाले समय में इससे भी अच्छी नौकरी के प्रयास में जुट जाएं.
दो दिवसीय नियोजन सह मार्गदर्शन मेला का आयोजन 'आज के युवा बन रहे नियोक्ता'
युवाओं को सरकारी योजनाओं से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से पहले केंद्र सरकार और राज्य सरकार का कौशल विकास किसी दूसरे मंत्रालय से जुड़ कर कार्य कर रहा था. लेकिन सरकार की दूरदर्शिता के कारण अब इस योजना के नाम को 'कौशल विकास और उद्यमिता विकास विभाग' बना दिया है. जिस वजह से देश के लाखों युवा अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के स्किल डेवलपमेंट योजना से लाभ लेने के बाद आज के युवा मुद्रा लोन की सहायता से नियोजन नहीं बल्कि नियोक्ता बन गए हैं.
आवेदन जमा करते हुए अभ्यार्थी 1 हजार बेरोगारों ने किया आवेदन
इस दो दिवसीय नियोजन सह मार्गदर्शन मेले में लगभग 1 हजार बेरोगार युवाओं ने अपना आवेदन नियोजन के लिए जमा किया है. जमा किए हुए आवेदन पर उनकी योग्यता अनुसार विचार कर नियोजित किया जाएगा. वहीं, इस मेले में कुछ ऐसे भी युवाओं ने भाग लिया जिन्हें रोजगार नहीं बल्कि मार्गदर्शन की आवश्यकता थी. ऐसे युवाओं का मार्गदर्शन भी किया जा रहा था. मेले में भाग लेने आई, सुम्बुल साहिबा का कहना है कि यह सरकार की अच्छी पहल है. इस मेले में स्किल डेवलपमेंट को लेकर मार्गदर्शन की आस लेकर आई हूं.
नाराज दिखे कुछ युवा
वहीं, इस अवसर पर कुछ युवा नाराज भी दिखे. इस मेले में सही मार्गगर्शन के आस में आए हुए एक युवा किशोर कुमार का कहना है कि 'मुद्रा लोन' की सही जानकारी नहीं दी जा रही है. पूछने पर वहां मौजूद अधिकारी बैंक में जाकर पता करने को कहते हैं. युवा का कहना है कि अगर ऐसा ही करना है तो इस मेले का क्या लाभ. यह मेला युवाओं के मार्गदर्शन के लिए नहीं बल्कि अधिकारियों के मनोरंजन के लिए आयोजित किया गया है.