छपराः बिहार में अब माहौल बदल चुका है. अस्पताल में काफी कम बेड बचे हैं. कोरोना संक्रमितों के मौत की दर बढ़ रही है. इसी बीच डराने वाली एक खबर छपरा से आयी है. जहां कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को बाहर से दवा लेने को छपरा सदर अस्पताल द्वारा बोला जा रहा है. क्योंकि वे जो किट दे रहे हैं, उसमें पर्याप्त दवा नहीं है. वहीं संक्रमित व्यक्ति बी सड़कों पर निकल रहे हैं और दवा दुकान जाकर दवा भी खरीद रहे हैं. जरा सोचिए, क्या ऐसे कोरोना पर काबू पाया जाएगा!
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दवा दुकान गए कोरोना संक्रमित
दरअसल, छपरा सदर अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराने पहुंचे दिलीप भारती मांझी का टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आया. उसके बाद उन्हें एक किट दी गई. किट में कुछ दवाइयां थीं. लेकिन एक महत्वपूर्ण दवा एजिथ्रोमाइसीन सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी. इसलिए अस्पताल के ही स्वास्थ्यकर्मियों ने दिलीप कुमार मांझी को बाहर से दवा लेने को कह दिया. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें होम आइसोलेट होने को भी कहा. वे वहां से निकले तो सबसे पहले दवा दुकान पहुंचे और दवा की खरीद की. तब घर गए. इतने देर में वे सड़कों पर घूमे, दवा दुकान पर गए. कईयों के संपर्क में आए होंगे.
छपरा में बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयत्न कर रहा है. लेकिन जनसंख्या घनत्व अधिक है. इस कारण अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामले कम नहीं हो पा रहे हैं. उसके बेहतर प्रबंधन के लिए अभी भी स्वास्थ विभाग पूरी तरह से कार्य नहीं कर पा रहा है. उदाहरण के तौर पर छपरा के सदर अस्पताल में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन बहुत ज्यादा मरीजों के प्रति उत्तर दायित्व नहीं है.
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