हैदराबाद/पटना: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से सटे सिकंदराबाद में भीषण अग्निकांड (Major fire in Secunderabad) हुआ है. लकड़ी और कबाड़ की दुकान में भीषण आग लगने से 11 लोगों की मौत (11 Labor Died in Secunderabad) हुई है. मरने वालों में से 8 बिहार के छपरा के रहने वाले थे, जबकि 3 लोग कटिहार के रहने वाले थे. घटना की जानकारी मिलते ही गांव में मातम छा गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुख जताया है.
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मृतकों में 8 छपरा के रहने वाले: बताया जा रहा है कि जब हादसा हुआ, उस वक्त डिपो में 15 लोग मौजूद थे. आग में झुलसकर 11 लोगों की मौत हुई है. दो लोगों को जिंदा बचा लिया गया है. सभी 11 मजदूरों के शव पहले फ्लोर पर मिले हैं. मृतकों की पहचान छपरा के दीपक राम (36), बिट्टू कुमार (21), सिकंदर कुमार राम (40), छत्रीला राम उर्फ गोलू (22), सतेंद्र कुमार (38) दिनेश कुमार उर्फ दरोगा कुमार राम, पंकज कुमार और राजेश कुमार (22) शामिल है. वहीं कटिहार के चिंटू कुमार, दामोदर महलदार और राजेश कुमार की भी इस हादसे में जान गई है.
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल:छपरा के आजमपुरा गांव के रहने वाले दीपक राम की पत्नी उमरावती देवी ने बताया कि सुबह-सुबह उसे मोबाइल पर फोन आया था. जिसके बाद पता चला कि उसके पति की इस हादसे में जलकर मौत हो गई. तीन बच्चों की विधवा मां के सामने अब बच्चों को पालन-पोषण से लेकर उनकी शिक्षा और भविष्य की चुनौती खड़ी हो गई है. वो कहती है कि अभी 20-25 दिन पहले ही तो वो हम लोगों से मिलकर यहां से काम करने हैदराबाद गए थे. ये कहते-कहते वो बुरी तरह से रोने लगती है. उसके पास बैठे तीनों बच्चे भी मां को रोते देखकर रोने लगते हैं. इस हादसे में दीपक के भतीजे बिट्टू कुमार की भी मौत हुई है. बिट्टू के पिता विजय राम ने बताया कि दीपक करीब 25 साल का था और बिट्टु 20-21 साल का था. दोनों जनवरी में घर आए थे. परिजनों ने सरकार से सरकारी नौकरी की मांग की है.
गांव में पसरा सन्नाटा: कुछ यही हाल दूसरे मृतकों के घरों का भी है. वहां मौजूद महिलाएं और उनके परिजन चीत्कार मारकर रो रहे हैं. सबकी जुबान पर एक ही बात कि अब किसके सहारे जिएंगे. अभी तो गांव आए थे और मिलकर गए थे. कह गए थे कि जल्द ही वापस लौटेंगे. वहां मौजूद अन्य लोग उन्हें ढांढस बंधाते हैं लेकिन फिर खुद भी रुआंसे हो जाते हैं. न केवल मृत परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है, बल्कि पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है.
सरकारी मदद का आश्वासन:घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के प्रतिनिधि राकेश कुमार ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और कहा कि सांसद ने घटना पर दुख जताया है. साथ ही सरकार से भी बात कर रहे हैं कि किस तरह से शवों को हैदराबाद से लाया जाए. जहां तक परिजनों के मुआवजे की बात है तो उसके लिए भी वो प्रयास कर रहे हैं. वहीं, अमनौर के सीओ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि सूचना के बाद हमलोगों ने छानबीन की तो पता चला कि अमनौर अंचल के दो लोगों की मौत हैदराबाद अग्निकांड में हुई है. आपदा प्रभारी से बात करने के बाद आपदा के तहत जो भी सरकारी प्रावधान होगा, दोनों मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा.