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समस्तीपुर: जिले में डायरिया का प्रकोप, रोज दर्जनों मरीज इलाज के लिए हो रहे हैं भर्ती

summary: आपातकालीन वार्ड डायरिया के चपेट में आए पीड़ित लोगों से भरा रहता है. डायरिया के चपेट में आए लोगों को 4-5 बोतल पानी एवं जीवन रक्षक दवाओं के जरिए इलाज किया जा रहा है.

अस्पताल

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Published : Jul 13, 2019, 11:52 AM IST

समस्तीपुर:जिले में इंसेफेलाइटिस के कहर के बाद वर्षा की शुरुआत होते ही डायरिया का कहर जारी हो गया है. प्रतिदिन दर्जनों पीड़ित मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरूकता को लेकर अभी तक किसी भी तरह का कोई अभियान की शुरुआत नहीं किया गया है.

डॉक्टरों के द्वारा इलाज जारी

सभी इलाके में डायरिया के चपेट में बच्चों से लेकर बड़े लोगों का आना शुरू हो गया है. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के द्वारा सभी पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है. आपातकालीन वार्ड डायरिया के चपेट में आए पीड़ित लोगों से भरा रहता है. वहीं ओपीडी विभाग में दर्जनों मरीज रोज पहुंच रहे हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है.

डायरिया की चपेट में आए पीड़ित लोग

जीवन रक्षक दवाओं के द्वारा किया जा रहा इलाज

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डायरिया को लेकर जिले में अभी तक किसी भी तरह का अभियान नहीं शुरु किया गया है, जिससे लोग जागरूक हो सकें. पीड़ित मरीज का कहना है कि दो दिन से उन्हें दस्त हो रहा है. डॉक्टरों द्वारा इलाज शुरू करते हीं उन्हें शरीर में पानी चढ़ाया गया और उनका इलाज किया जा रहा है. डायरिया की चपेट में आए लोगों को 4-5 बोतल पानी एवं जीवन रक्षक दवाओं के जरिए इलाज किया जा रहा है. हालांकि डायरिया से अभी तक किसी की मौत होने की सूचना नहीं है.

डॉक्टर द्वारा दिया गया सुझाव

वहीं ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर नागमणि राज के अनुसार बरसात के मौसम में लोगों को खुद ही अपने खान-पान में बदलाव कर देना चाहिए. खासकर निचले इलाके में लोगों को विशेष ध्यान देने की जरुरत है, जहां आसपास पानी जमा रहता हो.

क्या कहते हैं डॉक्टर :-

  • लोगों को अपने बच्चों को पानी उबालकर पिलाना चाहिए.
  • ठंडा खाना नहीं खिलाना चाहिए, उसे हमेशा गर्म करके खिलाना चाहिए.
  • साथ हीं, अपने आसपास उप स्वास्थ्य केंद्र से ओ आर एस का घोल लेकर पीड़ित बच्चों को पिलाना चाहिए.
  • शुरुआती दौर में ही बच्चे के शरीर का पानी निकल जाने के कारण उसका इलाज काफी कठिन हो जाता है.

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