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ऐतिहासिक धूप घड़ी चोरी के बाद खुली पुलिस की नींद, SIT गठित कर बोले SP- जल्द करेंगे रिकवरी

रोहतास में ऐतिहासिक धूप घड़ी की चोरी (Sun Watch Theft in Rohtas) हो गई जिसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद जबरदस्त गुस्सा देखा गया. मामाले की गंभीरता को देखते हुए रोहतास एसपी आशीष भारती खुद मामले की जांच में जुटे हुए हैं. पुलिस की माने तो घूप घड़ी को जल्द बरामद कर लिया जाएगा.

ऐतिहासिक धूप घड़ी चोरी
ऐतिहासिक धूप घड़ी चोरी

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Published : Feb 9, 2022, 8:33 PM IST

रोहतास: बिहार के (Theft in Rohtas) रोहतास में ऐतिहासिक धूप घड़ी चोरों ने चोरी कर ली. बीती रात डेहरी ऑन सोन के नगर थाना क्षेत्र स्थित एनीकट से धूप घड़ी के धातु प्लेट चोरी होने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. मामाले की गंभीरता को देखते हुए रोहतास एसपी आशीष भारती (Rohtas SP Ashish Bharti) खुद डॉग स्क्वायड के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने, घटनास्थल का मुआयना किया तथा डॉग स्क्वायड की मदद से आसपास के इलाके में सर्च अभियान चलवाया.

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बता दें कि सन 1871 में निर्मित धूप घड़ी के ब्लेड को बीती रात चोरों ने चुरा लिया जिसके बाद इलाके के लोगों की नाराजगी पुलिस प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ देखने को मिल रही है. यहीं नहीं, लोगों ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पुलिस के आला अधिकारियों को टैग कर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग भी की है. स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ता समीर कुमार का कहना है कि, पिछले दिनों इस धूप घड़ी के सौंदर्यीकरण के लिए उन्होंने प्रशासन से अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली.

पूरे मामले पर रोहतास के एसपी आशीष भारती ने बताया कि यह पूरा परिसर सिंचाई विभाग के अधीन है और विभाग द्वारा 3 गार्ड की प्रतिनियुक्ति की गई है लेकिन रात्रि के समय कोई गार्ड नहीं था. इसी बीच रात के अंधेरे का फायदा उठाकर किसी ने ऐतिहासिक धूप घड़ी के धातु का ब्लेड चुरा लिया. एसपी ने बताया कि चोरी की घटना को लेकर एसआईटी का गठन किया गया है. एफएसएल टीम को भी बुलाया गया है. जल्द ही चोरी गए धातु के ब्लेड को बरामद कर लिया जाएगा तथा अपराधियों की भी गिरफ्तारी होगी.

'प्रशासन भी इस सन-वॉच के रखरखाव के लिए कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर पाई जिसका नतीजा आज देखने को मिल रहा है कि डेढ़ सौ साल पुराना ये धूप घड़ी को चोरों ने क्षतिग्रस्त कर दिया तथा धातु का ब्लेड भी चुरा लिए. डिहरी के तमाम प्राचीन स्थलों तथा धरोहरों की सुरक्षा की जाए.'- समीर कुमार, राजनीतिक कार्यकर्ता

स्थानीय लोगों के मुताबिक, धूप घड़ी की स्थापना सन 1871 ई. में ब्रिटिश हुकूमत के द्वारा की गई थी. यह धूप घड़ी ऐतिहासिक है और 150 साल पुरानी (150 years old sun clock in Rohtash) है. बताया जाता है कि सोन नहर प्रणाली को विकसित करने के दौरान डेहरी में एक यांत्रिक कार्यशाला का संचालन किया था, जिसमें काम करने वाले कामगारों के लिए धूप घड़ी बनाई गई (Sun watch installed by british for laborers) थी. यह धूप घड़ी प्रत्येक आधा घंटा के अंतराल पर सही समय दिखाती थी, सूरज की पहली किरण से लेकर सूर्यास्त के अंतिम किरण तक इस घड़ी का उपयोग किया जाता था.
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नोट: इस तरह की किसी भी शिकायत के लिए आप इस नंबर्स पर संपर्क कर सकते हैं.- POLICE CONTROL ROOM 100 / 0612-2201977-78

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