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वकालत छोड़ शुरू किया मछली पालन, सालाना 80 लाख टन करते हैं उत्पादन

मछली उत्पादक ने कहा कि आंध्र प्रदेश से कुछ लोग यहां आकर दूसरे की जमीन लीज पर लेते हैं और मछली पालन का धंधा कर रहे हैं. इससे उन्हें प्रेरणा मिली की हमारा तो यहां अपना जमीन है. तो हम धंधा क्यों नहीं कर सकते हैं.

रोहतास
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Published : Dec 27, 2019, 10:55 AM IST

रोहतासः जिला मुख्यालय स्थित शिवसागर प्रखंड के चंद्रपुरा गांव के रहने वाले मिथिलेश कुमार पूरे रोहतास में किसानों के लिए रॉल मॉडल बन चुके हैं. मिथिलेश कुमार पेशे से वकील थे. 15 सालों तक वकालत करने के बाद इन्होंने अपने गांव पर मछली पालन का कारोबार शुरू किया. आज ये 7.5 एकड़ भूमी में मछली पालन कर रहे हैं.

7.5 एकड़ जमीन में होता है मछली पालन

'दूसरे कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं'
मिथिलेश कुमार ने बताया कि सासाराम कोर्ट में प्रैक्टिस के दौरान उन्हें पता चला कि आंध्र प्रदेश से कुछ लोग यहां आकर दूसरे की जमीन लीज पर लेते हैं और मछली पालन का धंधा कर रहे हैं. इससे उन्हें प्रेरणा मिली की हमारा तो यहां अपना जमीन है. तो हम धंधा क्यों नहीं कर सकते हैं.

पेश है खास रिपोर्ट

सालाना 80 टन मछली का उत्पादन
इसके बाद मिथिलेश गांव चले गए और बिहार सरकार के मत्स्य विभाग से लोन लेकर मछली का कारोबार शुरू किया. आज ये सालाना 80 टन से अधिक मछली का उत्पादन करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे तो रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है और यहां गेहूं की फसल भी अच्छी होती है लेकिन इससे किसानों को ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता है.

मिथिलेश इस धंधे से लगभग दर्जनभर लोगों को रोजगार भी दिया है. वे बिहार के विभिन्न इलाकों के अलावा दूसरे राज्यों में भी मछली की सप्लाई करते हैं.

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