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रबी के बुआई के लिए किसानों को नहीं मिल रहा है यूरिया खाद, जबरन दिया जा रहा सल्फर

रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन यहां पर किसानों खेतों में रबी की फसल यानी गेहूं की बुवाई करने के खाद लिए दिन भर लाइन लगाना पड़ता है. बावजूद आवश्यकता अनुरूप खाद्य उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

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Published : Nov 24, 2020, 4:30 AM IST

रोहतास: जिला मुख्यालय सासाराम के बिस्कोमान भवन में किसानों को रबी फसल की बुआई के लिए यूरिया खाद नहीं मिल रहा है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है. लोगों दीन भर लाइन लगने बाद भी उन्हें खाद उपलब्द नहीं कराया जा रहा है. बिस्कोमान इंचार्ज का कहना है कि खाद की खेप आने पर किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाएगा.

किसानों को नहीं उपलब्द हो रहा यूरिया खाद

गौरतलब है कि रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है जहां धान की फसल पककर तैयार हो गई. जिसके बाद किसानों ने अपने-अपने खेतों से धान की फसलें काटने शुरू कर दी है. अब ऐसे में किसान धान की फसल के बाद खेतों में रबी की फसल यानी गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं. जिसे लेकर किसान सुबह से ही जिला मुख्यालय सासाराम के बिस्कोमान खाद भवन में लाइन लगाकर खाद देने के लिए पहुंच रहे हैं. काफी दिन लाइन लगने के बावजूद किसानों को आवश्यकता अनुरूप खाद्य उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

यूरिया खाद के लिए किसानों का लंबी कतार

जबरन दिया जा रहा सल्फर
वहीं इस संबंध में किसान प्रेमचंद ने बताया कि सुबह से ही लाइन में खड़ा रहने के बाद भी खाद नहीं मिल पाया. बिस्कोमान के कर्मचारियों ने यूरिया खत्म होने की बात कही जा रही है. वहीं इस बारे में प्रेमचंद ने बताया कि किसानों को सरकारी मूल्य पर यूरिया तो उपलब्ध हो रहा है. लेकिन बिस्कोमान कर्मचारियों ने यूरिया के साथ जबरन सल्फर उपलब्ध कराया जा रहा है.

लिहाजा तीन बड़ा यूरिया की खरीदारी करने पर एक बोड़ा सल्फर लोगों को खरीदना आवश्यक है. ऐसा नहीं करने वाले किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. लेकिन इन सबके बावजूद किसानों को यूरिया खाद समय से नहीं मिल पा रहा है. जाहिर है अब ऐसे में किसानों के रबी की फसल की बुवाई प्रभावित हो सकती है.

अगली खेप आने पर होगा किसानों को खाद उपलब्द
इस संबंध में बिस्कोमान के इंचार्ज अमर कुमार ने बताया कि यूरिया खाद की स्टॉक खत्म हो जाने के कारण किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. लिहाजा जब यूरिया खाद की अगली खेप पहुंचेगी तभी किसानों को खाद उपलब्ध हो पाएगा.

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