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रोहतास: सिविल सर्जन ने कबूला- चमकी बुखार से निबटने के लिए सुविधा पर्याप्त नहीं

यहां के सदर अस्पताल में चमकी बुखार से निबटने के लिए कोई ठोस सुविधा नहीं है. इस जिले में लगभग 1.5 लाख की आबादी है. इसके बावजूद यहां के सदर अस्पताल में एक भी आईसीयू नहीं है.

सिविल सर्जन

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Published : Jun 19, 2019, 7:59 PM IST

Updated : Jun 19, 2019, 10:17 PM IST

रोहतास: बिहार के मुजफ्फरपुर में फैले इंसेफेलाइटिस यानी चमकी बुखार अब अपना पैर पूरे राज्य में पसारना शुरू कर दिया है. चमकी बुखार के आतंक से पूरा शहर जूझ रहा है. इस बीमारी से निबटने के लिए जिला मुख्यालय का सदर अस्पताल कितना तैयार है. इसका अंदाजा सिविल सर्जन के बयान से लगाया जा सकता है.

सदर अस्पताल

अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
यहां के सदर अस्पताल में चमकी बुखार से निबटने के लिए कोई ठोस सुविधा नहीं है. इस जिले में लगभग 1.5 लाख की आबादी है. इसके बावजूद यहां के सदर अस्पताल में एक भी आईसीयू नहीं है. चमकी से लड़ने के लिए सदर अस्पताल में एक भी आईसीयू का नहीं होना सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करता है. वहीं, अस्पताल में डॉक्टरों की बात की जाए तो यहां यहां सिर्फ तीन डॉक्टर ही तैनात हैं.

सिविल सर्जन ने दी जानकारी
सिविल सर्जन जनार्दन शर्मा ने बताया कि चमकी बुखार से लड़ने के लिए सदर अस्पताल पूरी तरह से तैयार है. हालांकि, अब तक चमकी बुखार से पीड़ित कोई बच्चा अभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ है. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने के सवाल पर बताया कि यहां डॉक्टरों की कमी है. लोकिन इसक लिए वरीय अधिकारी को सूचित किया गया है. जल्द ही यह भी कमी पूरी कर दी जाएगी.

चमकी से पीड़ित बच्चे

आईसीयू की सुविधा नदारद
अस्पताल में आईसीयू की सुविधा नदारद होने पर सिविल सर्जन ने कहा कि हमारे पास इसकी कोई सुविधा नहीं है. अगर कोई इमरजेंसी हालत में आता है तो उसे फौरन बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है.

डॉक्टरों की माने तो...

  • बच्चों में तेज बुखार आना चमकी का लक्षण है
  • बच्चों का बेहोश हो जाना चमकी का लक्षण है
  • बच्चों में बेचैनी होना चमकी का लक्षण है

ऐसे करें बचाव

  • ऐसी स्थिति में फौरन बुखार उतारने के लिए पैरासिटामोल दवा दें
  • गिरे हुए फलों को खाने से करें इंकार
  • अधिक पकी हुई लीची से रहे दूर
  • बेहोशी में बच्चों को करवट में सुलाएं
  • बुखार आते ही तुरंत डॉक्टरों की ले सलाह
    चमकी बुखार से निबटने के लिए सदर अस्पताल नहीं है तैयार

अब तक हुई इतनी मौत

गौरतलब है कि पिछले 20 दिनों से बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस यानी चमकी बुखार के कारण लगभग में हर घर में मातम मन रहा है. अब तक इस बीमारी से लगभग 157 बच्चों की मौत हो चुकी है. सरकार से लेकर प्रशासन तक इस बात को लेकर चिंता जता रही है. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने इस बीमारी से निबटन के लिए पूरी तातक झोंक दी है.

Last Updated : Jun 19, 2019, 10:17 PM IST

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